हरीश आंजना स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एक दिवसीय आर्य समाज कार्यशाला हुई आयोजित, देश की उन्नति आर्य समाज में !
छोटीसादड़ी
Neemuch Hulchal
14 Jun 25 01:05 PM

छोटी सादड़ी में यहां स्थित हरीश आंजना स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आर्य समाज द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ दीपक मंडेला ने जानकारी देते हुए बताया कि आर्य समाज द्वारा आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि आर्य समाज राष्ट्रीय प्रचारक विनोद आर्य गाजियाबाद विशिष्ट अतिथि आर्य समाज के प्रधान लक्ष्मीनारायण तेली कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ जगन्नाथ सोलंकी द्वारा मां सरस्वती की तस्वीर पर माला,दीप प्रज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथियों का स्वागत उपरना एवं पुष्पगुच्छ द्वारा आत्मीय स्वागत एवं अभिनंदन किया ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि विनोद आर्य ने कहां की आर्य समाज एक धार्मिक और सामाजिक आंदोलन है,जिसकी स्थापना 1875 में स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी। यह आंदोलन वेदों की शिक्षाओं पर आधारित है,और इसका उद्देश्य हिंदू समाज में सुधार करना और वैदिक धर्म को पुनर्स्थापित करना है।
कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ सोलंकी ने कहा कि आर्य समाज ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया और कई स्कूल और कॉलेज स्थापित किए। आर्य समाज ने हिंदू समाज में सुधार के लिए कई कदम उठाए,जिनमें बाल विवाह के विरोध, महिला शिक्षा के समर्थन और अस्पृश्यता के उन्मूलन शामिल हैं।
विशिष्ट अतिथि लक्ष्मीनारायण तेली ने कहा कि आर्य समाज वेदों को सर्वोच्च प्रामाणिक ग्रंथ मानता है और उनकी शिक्षाओं को जीवन में उतारने का प्रयास करता है।
प्राचार्य डॉ दीपक मंडेला ने कहा कि आर्य समाज एकेश्वरवाद में विश्वास करता है,और ईश्वर को एक और अद्वितीय मानता है। कार्यक्रम का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर संकाय सदस्य राहुल जोशी,अजय कुमार यादव,भगवान लाल कामड,गोविंद रजक, मनीष बैरागी,नसरीन आरा,सपना बेस,काजल पंवार, चौथमल,नितेश, महाविद्यालय छात्र छात्रा आदि उपस्थित थे। मंच संचालन संगीता अग्रवाल ने किया।