आज है सावन का पहला सोमवार, यह दिन शिव भक्तों के लिए बेहद खास है, देखिए कैसे करते है भगवान शिव जी की आराधना।
नीमच
Neemuch Hulchal
14 Jul 25 05:34 PM

आज सावन माह का सोमवार है, यह दिन शिव भक्तों के लिए बेहद खास है। इस दिन भक्त व्रत और शिव पूजन करते हैं जिससे भगवान शंकर उनकी मनोकामना पूर्ण कर दें। माना जाता है कि देवों के देव महादेव अति सरल स्वभाव वाले देव हैं, उनके कोई मात्र एक लोटा जल अर्पित कर दें तो भी वह प्रसन्न हो जाते हैं और उसे आशीर्वाद देते हैं। ऐसे में सोमवार के दिन कुछ खास चढ़ाने महादेव अति प्रसन्न होंगे और उसपर असीम कृपा बरसाएंगे।
सावन में आने वाले हर एक सोमवार का अपना विशेष महत्व है। ऐसे में अलग-अलग सोमवार के दिन अलग-अलग तरीके से पूजा व चढ़ावा चढ़ाने से भगवान शिव अति प्रसन्न होंगे। याद रहे कि भगवान शिव को चढ़ावा चढ़ाते समय ॐ नम: शिवाय या फिर ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः मंत्र का जप जरूर करना है। साल 2025 में सावन माह में 4 सोमवार पड़ रहे हैं।
सावन सोमवार व्रत का महत्व -
सावन सोमवार का व्रत आत्मयसंयम और आध्यात्मिक साधना की प्रक्रिया है। यह व्रत स्त्री के लिए अखंड सौभाग्य, पति के लिए दीर्घायु और दाम्पत्य सुख के लिए किया जाता है। वहीं, पुरुषों के लिए यह शक्ति, शांति और आत्मिक उन्नति का माध्यम बनता है। यह व्रत विशेष रूप से कुंवारी कन्याओं के बीच अधिक लोकप्रिय है क्योंकि माना जाता है कि इस व्रत के करने से सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यता है कि स्वयं मां पार्वती ने भी शिव को पति रूप पाने के लिए कठोर तप किया था।
सावन में आने वाले हर एक सोमवार का अपना विशेष महत्व है। ऐसे में अलग-अलग सोमवार के दिन अलग-अलग तरीके से पूजा व चढ़ावा चढ़ाने से भगवान शिव अति प्रसन्न होंगे। याद रहे कि भगवान शिव को चढ़ावा चढ़ाते समय ॐ नम: शिवाय या फिर ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः मंत्र का जप जरूर करना है। साल 2025 में सावन माह में 4 सोमवार पड़ रहे हैं।
सावन सोमवार व्रत का महत्व -
सावन सोमवार का व्रत आत्मयसंयम और आध्यात्मिक साधना की प्रक्रिया है। यह व्रत स्त्री के लिए अखंड सौभाग्य, पति के लिए दीर्घायु और दाम्पत्य सुख के लिए किया जाता है। वहीं, पुरुषों के लिए यह शक्ति, शांति और आत्मिक उन्नति का माध्यम बनता है। यह व्रत विशेष रूप से कुंवारी कन्याओं के बीच अधिक लोकप्रिय है क्योंकि माना जाता है कि इस व्रत के करने से सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यता है कि स्वयं मां पार्वती ने भी शिव को पति रूप पाने के लिए कठोर तप किया था।