बहिन की शादी के पहले घर में मची चिख पूकार, अचानक से बुझ गया दो भाइयों के बीच में घर परिवार का इकलौता चिराग, ग्राम ताल की रोजड़ी नदी में दो साथियों के साथ नहाने गया रतनगढ के छिपा परिवार का एकलौता चिराग 15 वर्षिय बालक डूबा।
सिंगोली
Neemuch Hulchal
04 Aug 25 01:32 PM
सिंगोली के पास स्थित ग्राम ताल की रोजड़ी नदी में हुए एक दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर के रख दिया है।हादसे में रतनगढ़ निवासी लगभग 15 वर्षीय बालक गौरव पिता अंतिम कुमार छिपा सिंगोली के पास स्थित ताल की रोजड़ी नदी में दोपहर लगभग 12 बजे के आसपास नहाते समय डूब गया।बताया जा रहा है।कि गौरव अपने नाना मामा के यहां एक पारंपरिक पारिवारिक भोज में शामिल होने के लिए ताल आया था।ग्राम ताल में आज उज्जैनी मनाई जा रही थी।और गांव के बाहर भोजन बनाया जा रहा है।जहां से वह अपने दो अन्य साथियों के साथ नदी पर नहाने के लिए चला गया।तीनों बालक नदी में नहाने के लिए उतरे लेकिन नदी में से केवल दो ही बालक बाहर निकल पाए।नहाते वक्त गौरव नदी की गहराई मे ही कही अचानक से लापता हो गया।आसपास खड़े ग्रामीणों ने चिख पूकार सुनते ही वहां पहुंच कर पूरा मामला समझा।घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणो द्वारा वहां नदी मे लापता हुए बालक की खोजबीन शुरु कर दी गई।कुछ ही देर मे तहसीलदार प्रेमशंकर पटेल,सिंगोली थाना प्रभारी बी.एल.भाबर भी अपनी टिम के साथ घटना स्थल पर पहुंचे।और एनडी आरएफ की टीम को बुलाकर बालक को ढूंढने के लिए स्पेशल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।लगभग 3 घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक बालक का कोई अता-पता नहीं लग पाया है।हम आपको बता दें कि गौरव अपने परिवार का इकलौता चिराग तो था।इसके पिता के भाई के भी कोई पुत्र नहीं होने से दो भाइयों के बीच में यह इकलौता घर का चिराग था।इस हादसे से पूरे परिवार के ऊपर जैसे दूखों का पूरा पहाड़ टूट पड़ा है।बालक गौरव के पिता अंतिम कुमार छिपा वर्तमान में नीमच से सिंगोली तक चलने वाली एक निजी बस वीर गुर्जर में ड्राइवरी का कार्य कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं।गौरव की इकलौती बहिन की शादी कुछ दिनों में होने वाली है।और घर मे शादी की सभी तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी है।अचानक हुए इस हृदय विदारक दुखद दर्दनाक हादसे ने परिवार की खुशियों मे ग्रहण लगा दिया।घर मे बहिन की शादी के पहले भारी चिख पूकार मच गई है।अचानक से घर परिवार के इकलौते चिराग के यूं बुझने से जहां अपने इकलौते लाडले बेटे घर के चिराग को खोने के गम में मां का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है।वह बदहवास होकर चीख पूकार मचा रही है।और अपने बेटे के सही सलामत वापस आने की आस में आंखों से आंसू भी नहीं रोक पा रही है।वहीं दूसरी तरफ एक पिता द्वारा अपने एकलोते बेटे को खोने के गम में मुख से आवाज भी नहीं निकल पा रही है।एक मां की आंखों से बहते आंसुओं की धार, ममता मयी मां की करुणा लाचारी व चीख पुकार और पिता की चुप्पी हर किसी के दिल को भेद रही है।फिलहाल नदी किनारे ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई है।ईश्वर के एक अद्भुत चमत्कार की उम्मीद में हर किसी की जुबान एवं आंखो मे एक ही सपना एवं उम्मीद है।और केवल एक ही प्रार्थना की जा रही है।कि काश गौरव पुनःसुरक्षित वापस घर लौटे।