Neemuchhulchal ✍️✍️ (रिपोर्टर मनोज खाबिया ) नवरात्रि पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है अश्विन व शारदीय ये लोक जाहिर पर्व है इसी प्रकार दो गुप्त नवरात्रि आती है जिसमें आज माघ शुक्ल प्रतिपदा से गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी शनिवार से शुरू हो रहीं हैं, और ये गुप्त नवरात्रि बहुत खास हैं इन 9 दिनों में कई दुर्लभ योग का संयोग बन रहा है और माता दुर्गा की पूजा से मिलेंगे लाभ क्योंकि माघ गुप्त नवरात्रि में 16 अद्भुत योग बन रहे हैं 9 दिन जो करलें ये काम उस पर बरसेगी मां दुर्गा की कृपा। मान्यता अनुसार गुप्त नवरात्रि में तंत्र विद्या का महत्व ज्यादा है। लेकिन आम जन भी नौ दिवसीय आराधना कर सकता हैं। गुप्त नवरात्रि में जो साधक देवी मां की 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से साधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर लेते हैं वो सभी संकटों से मुक्ति पा जाता है। उक्त जानकारी पंडित कैलाश उपाध्यक्ष ने देते हुए बताया कि इस साल माघ गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी 2024 से शुरू होगी इसका समापन 18 फरवरी 2024 को होगा. इस साल माघ गुप्त नवरात्रि बहुत खास है क्योंकि इन 9 दिनों में कई अद्भुत योग का संयोग बन रहा है. इस दौरान मां दुर्गा की पूजा, पाठ करने से साधक को शत्रु, रोग, दोष, आर्थिक संकट से छुटकारा मिलेगा माघ गुप्त नवरात्रि के 9 दिनों में छह रवि योग, दो सर्वार्थ सिद्धि, त्रिपुष्कर, सिद्धि, साध्य, शुभ, शुक्ल, इंद्र, अमृत सिद्धि, शिव योग बन रह हैं। यानी कुल 16 योग. इस दौरान माता दुर्गा की सुबह-शाम विधिवत पूजा, आरती करें. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। 10 फरवरी शनिवार प्रतिपदा तिथि, घटस्थापना मुहूर्त 11 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि द्वितीया तिथि 12 फरवरी 2024 माघ गुप्त नवरात्रि तृतीया तिथि 13 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि चतुर्थी तिथि 14 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि पंचमी तिथि 15 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि षष्ठी तिथि 16 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि सप्तमी तिथि 17 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि महाष्टमी हवन 18 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि महानवमी कन्या पुजन व भोज आयोजित किया जा सकता हैं। विधी घटस्थापना का दिन 10 फरवरी,शनिवार घटस्थापना का शुभ मुहूर्त: प्रातः 8:45 मिनट से लेकर 10:10 मिनट तक कुल अवधि: 1 घंटा 25 मिनट रहेगी अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12: 13 मिनट से लेकर 12:58 मिनट तक कुल अवधि: 44 मिनट देवी मां की दस महाविद्याएं दस महाविद्याएं देवी इस प्रकार से है- काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी या कमला। मान्यता है कि देवी मां कि इन 10 महाविद्याओं की पूजा करने से मनुष्य को विशेष सिद्धियां प्राप्त होती हैं।