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पूर्णाहुति के साथ ही श्री मोड़ेश्वर महादेव में सम्पन्न हुआ 9 दिवसीय 21 कुण्डीय श्री हरि हरात्मक महायज्ञ आयोजन

सिंगोली। सिंगोली से नजदीकी ग्राम पटियाल और धोगवां के बीच पवित्र ब्राह्मणी नदी और ग्वाल्दी नदी के संगम स्थल के तट पर स्थित मोड़ेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध भगवान शंकर के मंदिर परिसर में 21 कुण्डीय श्री हरि हरात्मक महायज्ञ का 9 दिवसीय आयोजन आज 21 मई मंगलवार को पूर्णाहुति के साथ ही सम्पन्न हो गया।बैशाख शुक्ला 6 सोमवार दिनाँक 13 मई से बैशाख शुक्ला 13 मंगलवार दिनाँक 21 मई तक आयोजित 9 दिवसीय इस महायज्ञ का श्री गणेश 13 मई सोमवार को दश विधि स्नान,गणपति पूजन,पुण्यावाचन, जलयात्रा,वरण श्री मोड़ेश्वर महादेव के अभिषेक के साथ हुआ था जिसमें 16 मई गुरुवार को मण्डप पूजन,अग्नि स्थापना के साथ ही अभिजीत मुहूर्त में हवन प्रारंभ हुआ वहीं 19 मई रविवार को अन्नपूर्णा महास्नान, घण्टाधिवास एवं 20 मई सोमवार को हवन,पुष्पाधिवास,फलाधिवास, सुख शय्या,न्यास ध्यान के आयोजन सम्पन्न हुए वहीं 21 मई मंगलवार को अन्नपूर्णा प्राण प्रतिष्ठा और पूर्णाहुति के साथ ही 9 दिवसीय आयोजन का समापन हो गया।महायज्ञ महोत्सव आयोजन समिति के अनुसार यज्ञ के महत्वपूर्ण वचनों से सिद्ध होता है कि संसार में यज्ञ ही एक साधन है जिसके द्वारा संसार के प्राणी मात्र सुखी हो सकते हैं,इसी आधार को लक्ष्य में रखते हुए इस कराल कलिकाल के प्रभाव से समस्त जनता जनार्दन की सुख शान्ति के लिए वर्षों से पूर्ण तपस्या में निरंतर अनन्त विभूषित 108 श्री युगलकिशोरदास जी त्यागी के सुशिष्य श्री रामदास जी महाराज (नरसिंहद्वारा पारसोली वाले)के सानिध्य में भारत में होने वाले देवी प्रकोप तथा अनेक विघ्नों के निवारणार्थ एवं विश्व की सुख-समृद्धि हेतु लोककल्याणकारी भावनाओं से प्रेरित होकर महेशचन्द्र त्रिपाठी (जावद वाले) के यज्ञाचार्य में श्री मोड़ेश्वर महादेव में 21 कुण्डीय श्री हरि हरात्मक महायज्ञ का आयोजन रखा गया था।इसके साथ ही वृन्दावन की प्रसिद्ध रामलीला का भी आयोजन किया जा रहा था।महायज्ञ महोत्सव पूर्ण होने पर आयोजन समिति ने सभी धर्मप्रेमी बन्धुओं का आभार व्यक्त किया है।आयोजन समिति द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पूर्णाहुति के अवसर पर दूर दूर से महायज्ञ में सम्मिलित हुए साधु संतों को विदाई के रूप में भेंट दी गई वहीं श्री बालकृष्ण लीला संस्थान वृन्दावन के द्वारा प्रतिदिन सुबह 11.30 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक एवं रात्रि में 8 बजे से 11 बजे तक रामलीला व रासलीला के मंचन को भी श्रद्धालुओं ने खूब पसंद किया।

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