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पति की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत, वट सावित्री अमावस्या तिथि पर महिलाओं ने की परिक्रमा !

उमरिया- ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। मान्यताओं के अनुसार वट सावित्री के दिन सुहागिन महिलाएं वट यानि बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस पेड़ में भगवान विष्णु, ब्रम्हा जी और शिवजी का वास है।इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने से पति और परिवार को सौभाग्य का आशिर्वाद मिलने के साथ पति की आकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है। वट सावित्री व्रत के दिन पतिव्रता स्त्री वट पेड़ की परिक्रमा करती है और चारो ओर धागा बांधती है। सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व माना गया है। आज गुरुवार को वट सावित्री अमावस्या तिथि पर जिला मुख्यालय सहित समूचे जिले में महिलाओं ने आस्था व श्रद्धाभक्ति के साथ निर्जला व्रत धारण कर बरगद पेड़ की पूजा अर्चना की। प्रातःकाल से ही महिलाओं ने पूजा की सामग्री लेकर बरगद वृक्ष के पास जाकर विधिविधान से आराधना करने के साथ वट की परिक्रमा कर चारो ओर रक्षा हेतु धागा बांधा। इसके बाद बरगद वृक्ष के नीचे बैठकर कथा श्रवण किया। पूजा के दौरान फल फूल,मिष्ठान सहित विभिन्न प्रकार के पकवान अर्पित करते हुए पति की दीर्घायु व परिवार की सुख समृद्धि की कामना की।

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