नीमच 5मई 20-23 (केबीसी न्यूज़)गौमाता में 36 करोड़ देवी- देवताओं का वास होता है।जिस घर में गौमाता का पालन होता है वहां कभी कष्ट नहीं आते हैं।गौ माता की सेवा के बिना जीवन का कल्याण नहीं होता है। श्री कृष्ण ने गोपालन किया था इसलिए गाय पालना चाहिए। यह बात भागवतचार्य पंडित भीमाशंकर शास्त्री ने कही । वे श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव आयोजन समिति के तत्वावधान दिवंगत पूर्व जनपद उपाध्यक्ष राजाराम पाटीदार की चतुर्थ पुण्य स्मृति में यह परिवार भेरु बावजी देवरा परिसर रामनगर में श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सफल व्यक्ति प्रसन्न रहे ना रहे लेकिन प्रसन व्यक्ति सफल अवश्य रहता है। व्यक्ति को जितना प्राप्त है उसी में संतोष रखना चाहिए जितना प्राप्त है पर्याप्त है। इस धेय वाक्य को जीवन में आत्मसात करना होगा तभी जीवन सफलतापूर्वक संपन्न होगा। सहनशीलता को स्वीकार करना चाहिए सहनशीलता के बिना जीवन सफल नहीं हो सकता है।जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहना चाहिए।परमात्मा हमें जैसा रखे वैसा ही रहना चाहिए तभी जीवन में कष्ट मिट सकते हैं। जीवन में सदैव प्रसन्न रहना चाहिए। छोटे बच्चों को सत्संग में जाने के संस्कार होना चाहिए।तभी उनके जीवन का कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।कथा सुनकर व्यक्तियों के जीवन में परिवर्तन आना चाहिए तभी कथा सार्थक होती है।कथा श्रवण कर सभी बच्चे मंदिर जाना सीखें, कथा श्रवण के बाद मदिरा का त्याग करना सीखना चाहिए। सत्य शिव होता है सुंदर नहीं होता है लेकिन परिणाम सुंदर होते हैं। लोककथा अवश्य सुने लेकिन बच्चों को भी कथा सुनाने अवश्य लाएं तभी उज्जवल भविष्य बन पाएंगे। सुभाष चंद्र बोस कहते थे। तुम मुझे खून दो में तुम्हें आजादी दूंगा, में कहता हूं तुम मुझे युवान दो में तुम्हें संस्कारित युवान दूंगा।कथा तो बहाना है संस्कारों की फसल उगाना है। ईश्वर प्रेम के बिना नहीं मिलते चाहे करोड़ों उपाय कर लो। वेदव्यास जी ध्यान पूजन अर्चन स्नान के बाद भागवत सुनाते थे। मन की करोड़ इच्छाएं होती है फिर भी एक भी सुख नहीं मिलता है। परिस्थिति अनुसार मनह स्थिति बदलना चाहिए ।कष्ट दूर होते हैं। श्रीमद् भागवत का शुभारंभ महाभारत युद्ध से हुआ था। सशक्त सम्राट धृत्तराष्ट्र के 100 सुपुत्र तथा शक्तिशाली सम्राट होने के बाद 5 गरीब पुत्रों से युद्ध पराजित हो जाता है। क्योंकि उनके साथ श्री कृष्ण थे।इसलिए कहते हैं कि श्रीकृष्ण जिसका साथ देते हैं।वह सफल होता है। भाई से लड़ेंगे तो प्रेम किससे करेंगे ।इसलिए भाई से प्रेम से रहना चाहिए लड़ना नहीं चाहिए। राम इसलिए युद्ध जीत गए थे कि उनका भाई लक्ष्मण उनके साथ था। रावण इसलिए युद्ध हार गए थे कि उनका भाई विभीषण उनके साथ नहीं था। संसार में अच्छा भाई नहीं मिलता है इसलिएअपने भाई से लड़ना नहीं चाहिए। बेटे बेटी के पालन में भेद भाव नहीं करना चाहिए। क्योंकि बेटी है तो कल है। जीवन पर्यंत पत्थर दिल रहने वाला पिता बेटी की विदाई पर पिता रोता है। हर घर में एक गाय अवश्य पालना चाहिए। परिवार में सुख शांति है। गाय नहीं पाल सकते तो कोई बात नहीं, गौशाला में एक गाय को गोद ले उसकी देखभाल की जिम्मेदारी लेना चाहिए। गाय में 33 करोड़ देवी देवता का वास होता है गाय पालने से सारे कष्ट कटते हैं।गाय के गोबर में लक्ष्मी ,गौमूत्र में गंगा का वास होता है। पहली रोटी गाय की निकालना चाहिए। कलयुग में परमात्मा के नाम स्मरण मात्र से ही परमात्मा प्रकट हो जाएंगे।मन से कोई पुण्य करेगा उसका फल ज्यादा मिलेगा। आलस्य नहीं करना चाहिए। तीर्थ यात्रा मंदिर दर्शन करना चाहिए। मदिरापान या हिंसा जुआ खेलने में कलयुग का वास होता है।डिब्बा व्यवसाय एक व्यक्ति ने लाभ नहीं कमाया है। बेलपत्र के पौधे के समक्ष कनकधारा पाठ का वाचन करे तो लक्ष्मी कृपा करती है।शंख गायत्री का 108 बार पाठ करें तो विपुल लक्ष्मी मिलती है। दक्षिणावर्ती शंख में जल रखकर बच्चों को पिलाए तो वाणी शुद्ध हो जाती है। अन्याय से कमाए धन में कलयुग का वास होता है। नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता है। सोच सकारात्मक रखना चाहिए। धेर्य धारण करे तो परिवार में शांति रहती है। अच्छे गुणों को जीवन में आत्मसात करना चाहिए। फलदार वृक्षों पर लोग पत्थर मारते हैं।बबूल का पेड़ छायादार हो तो भी काट देते हैं ।आम का पेड़ छायादार नहीं होता तो भी नहीं काटते हैं। गुरु चरणों से बड़ा संसार में और कोई नहीं होता। हरी से तार गुरु ही जोड़ता है। कथा पंडाल में एक सांप अचानक आ गया तभी श्रद्धालु भक्तो ने अपने हाथों से उठा कर उसे दूर जंगल में छोड़ दिया। महाराज सांप के आने को देवता की उपस्थिति बताया। कार्यक्रम शुभारंभ पर आना हो गणराज हरि भागवत सत्संग में भजन संकीर्तन से हुआ।कथा भक्ति पांडाल में ठण्डी हवा के 108 फव्वारे तथा ठण्डी हवा के कुलर भी लगाए । महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ 5मई शुक्रवार भेरुजी के देवरे पर पूजा अर्चना आरती के साथ हुआ। श्रीमती निर्मला देवी धर्मपत्नी स्वर्गीय राजाराम पाटीदार, जोगेश पाटीदार ने बताया कि 6 मई को रात्रि 8 बजे सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाएगा 10 मई को श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा का विश्राम हवन यज्ञ में पूर्णाहुति के साथ किया जाएगा। आरती के बाद महाप्रसाद वितरण किया । इस अवसर पर कृष्णाष्टकम स्तुति का सामुहिक वाचन किया गया। विद्वान पंडितों द्वारा मंत्रों का उच्चारण किया।