Neemuchhulchal ✍️✍️ ( दशरथ माली की रिपोर्ट) ग्राम पंचायत चचोर में बारिश की निकासी के लिए बनाया गया नाला जो आज से लगभग 4 साल पहले बना था वह आज भी आधा अधूरा पड़ा है जो अपने अंतिम छोर तक तो पहुंच गया है ।पर बीच में जहां ।ग्रामवासी निवास करते हैं वहां और बहुत सी ऐसी जगह है जो आधे से ऊपर नाला अभी तक नहीं बन पाया है ।और इसकी राशि हड़प ली गई है। यह नाला भ्रष्टाचार की भेट चढ़ा जो अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। क्योंकि उसमें बहुत ही घटिया किस्म की गिट्टी सीमेंट और रेत का उपयोग किया गया है। जिस वजह से आधा अधूरा नाला भी बहुत सी जगह से ढह गया है यह सब सरपंच सचिव इंजीनियर ठेकेदार की मिली भगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। क्योंकि वर्तमान में रह रहे रह वासियों का कहना है कि । हमारे साथ पंचायत लावारिस की तरह व्यवहार करती हैं।हमें यहां पर बहुत दिक्कत हो रही है परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। और सबसे अहम बात गंदगी और कीचड़ की वजह से महामारी का खतरा मंडराया रहता है। कई बार सरपंच सचिव से बात करने के बाद भी सरपंच सचिव इस नाले को नहीं बना रहे हैं यह सब सरपंच सचिव के अनदेखा का नतीजा है। जो आज तक यह नाला पूरा नहीं हो पाया है जो नाला जहां बनना चाहिए था वहां पर आज तक नहीं बना है और जहां इसकी जरूरत नहीं थी वहां बन गया। आखिर क्या वजह है की नाला अपने अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाया है । क्या ये नाला भ्रष्टाचार की पेट चढ़ चुका। क्या इसी तरह से इन पंचायतो में विकास के नाम पर भ्रष्टाचार होता रहेगा ।इस नाले की सही से जांच पड़ताल की जाए तो सारा नजारा आपके सामने होगा।क्या ये पंचायतें इसी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।क्या तहसील लेवल के अधिकारियों की मिली भगत से पंचायतों में विकास के नाम पर भ्रष्टाचार और ऐसा घटिया निर्माण होता है। इस बारे में जब हमने पंचायत सचिव से बात की तो वह इस बारे में बताने के बजाय पल्ला झाड़ने हुए नजर आए। । इनमें सबसे अहम बात एक किरदार ओर होता है सहसचिव जो बड़े ही चालाकी से मस्टर लगा लगाकर राशि निकाल लेते हैं। और किसी को इसकी ख़बर तक नहीं पहुंचती। बात करते हैं ग्रामीण जन क्या कुछ कहते हैं,,,,