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प्रतापगढ़ सुखाड़िया इस्टेडियम करोड़ो की आय, रखरखाव पर फूटी कोड़ी खर्च नहीं, पार्किंग की भूमि पर भी दुकाने बना डाली।

प्रतापगढ़. जिले के सबसे बड़े राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की भूमि पर स्थित खेल मैदान जिसे स्थित सुखाड़िया स्टेडियम के नाम से जाना जाता है। सालों से इस मैदान पर राजकीय समारोह, समेत अनेक खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होती रही है। इस खेल मैदान के दक्षिण लाइन में नगर परिषद ने दुकाने बनवा कर आय का जरीया बना लिया है। सूचना के अधिकार के तहत नगर परिषद से प्राप्त सूचना में भी इस बात का उल्लेख है कि खेल मैदान से ली गई 30 फीट भूमि पर नगर परिषद दुकाने निर्मित कर उससे प्राप्त आय को दुकानों की लागत निकालने के बाद शेष आय खेलमैदान (स्टेडियम) के विकास पर खर्च करेंगा। उसके बावजूद नगर परिषद स्टेडियम को केवल अपनी आय का साधन मानते हुए स्टेडियम के विकास पर फुटी कोड़ी पर खर्च नहीं कर रही है। स्टेडियम को नगर परिषद महज एक आय का स्थाई स्त्रोत मान रही है। जबकि विद्यालय प्रशासन द्वारा नगर परिषद को दुकानों के लिए भूमि आंवटन के दौरान यह सहमती बनाई गई थी कि स्टेडियम भूमि पर अर्जित आय स्टेडियम के विकास एवं उत्थान पर खर्च की जाएगी। नगर परिषद वर्षो से निरन्तर आय अर्जित कर रही है। बावजूद स्टेडियम के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शहरवासियों के लिए करीब में इतना विशाल कोई खेल मैदान उपलब्ध नहीं है। नही नगर परिषद की ओर से ऐसा कोई विकल्प शहरवासियों के लिए बनाया गया हो। खेल मैदान पर प्रातःकाल में बच्चों से लेकर बुर्जग माॅर्निग वाॅक पर आते है। शहर भर के बच्चे इस मैदान पर क्रिकेट फुटबाल समेत कई खेल खेलते है। ये है कमियां स्टेडियम के भीतर और बाहर रोशनी और पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। रोशनी के अभाव में शाम होते ही असामजिक तत्वों के लिए अवैध गतिविधियों का केन्द्र बन जाता है। मैदान में चारो और बड़े बड़े गड्डे बने हुए है। मैदान का समतलीकरण नहीं होने से बारिश के दिनों में स्टेडियम तरणताल में तब्दिल हो जाता है। क्रिकेट जैसे लोकप्रिय खेल के लिए जिले का सबसे बड़ा मैदान का समतलीकरण उचित तरीके से नहीं है। मैदान पर बारिक मिटटी के स्थान पर गिटटी डाली हुई है। सीटिंग सीढ़ियों पर टीन शेड , प्रसाधन, रोशनी , स्टेडियम के प्रवेश द्वारा पर गेट जैसी कई कमियां है। जिसके चलते अवांछित लोगों का इसमें प्रवेश होता रहता है। वही खेल मे व इसके आसपास मुखलय नहीं होने से क्षेत्र के सभी दुकानदारों ने स्टेडियम को ही मुत्रालय बना लिया है। मैदान में हरी घास का तिनका तक नजर नहीं आता है। जिसके चलते प्रतियोगिताओं के दौरान खिलाड़ी अक्सर चोटिल होते रहते है। स्टेडियम में पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं है। प्रवेश द्वार पर दरवाजों के अभाव में आवारा मवेशी एवं अवांछित लोगों की ऐशगाह बना हुआ है। स्टेडियम में चारो और गंदगी, शराब की फूटी बोतले आदि यहां वहां बिखरी पड़ी हुई है। इनका कहना... मुझे इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है। पहले क्या तय हुआ है। स्टेडियम की हालत खराब है। खेल मैदान पर निर्मित दुकानों की आय नगर परिषद में जमा होती है। इसके विकास पर उन्हें ही खर्च करना चाहिए। सईद शेख प्रधानाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, प्रतापगढ,स्टेडियम नाम का स्टेडियम है यहां किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है मैदान पर बच्चे अक्सर चोटिल होते रहते है। लेवल और हरीघास और रोशनी पानी आदि मूलभुत सुविधाओं का अभाव है। शहजाद हुसैन मंसूरी अध्यक्ष टेनिस बाल ऐसोसिएशन एवं क्रिकेट कोच प्रतापगढ़

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