सिंगोली:- गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरुओं एवं शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। सनातन धर्म में गुरु को भगवान का दर्जा दिया गया है और गुरुओं को समर्पित एक प्रसिद्ध त्यौहार है गुरु पूर्णिमा। हिन्दू धर्म के साथ-साथ बौद्ध व जैन धर्म के लोग गुरु पूर्णिमा के उत्सव को हर्षोउल्लास से मनाते है। गुरु पूर्णिमा में गुरु शब्द का अर्थ शिक्षक से है। गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्यों द्वारा अपने गुरु के प्रति आस्था को प्रकट किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन विधिवत रूप से गुरु पूजन किया जाता है। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता हैं। सामान्य शब्दों में गुरु वह इंसान होता हैं जो ज्ञान की गंगा बहाता हैं और हमारे जीवन को अंधकार से प्रकाश की तरफ ले जाता हैं। यह पर्व समूचे भारत में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। शनिवार 20/7/2024 को आदर्श शिशु विध्या मंदिर में गुरू पुर्णिमा पर्व हर्षउल्लास के साथ मनाया गया जिसमें मुख्य अतिथि रामलाल धाकड़ सागीतला पूर्व प्राचार्य सरस्वती शिशु मंदिर सिंगोली,नमन कुमार गांधी पूर्व छात्र आदर्श शिशु विद्या मंदिर एवं इंदौर कॉलेज के प्रोफेसर बतौर अतिथि सम्मिलित हुए अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर पूजा अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई जिसमें सर्वप्रथम अक्षरा ,नेहा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की विद्यालय के संचालक प्रकाश जोशी समिति के सचिव श्रीमती रेखा देवी जोशी विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं नेहा ,पूजा ,रेणुका लबाना ,सुनीता द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया स्कुल की छात्राओं अक्षरा, नेहा ,माया द्वारा भी अतिथियों का तिलक लगा पुष्प भैट कर स्वागत किया गया बालक एवं बालिकाओं ने गुरु के महत्व पर शानदार कविता एवं भाषण कि मनमोहक प्रस्तुतियां प्रस्तुत कर गुरु वंदन किया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप के सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र सिंह राठौड़ भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे एवं प्राचार्य महोदय रामलाल संगीतला को साफा बांधकर स्वागत अभिनन्दन किया सभी अतिथियों ने गुरु के महत्व एवं जीवन के ऊंचे लक्ष्य को प्राप्त करने में गुरु की महत्ता के बारे में बालक एवं बालिकाओं को उद्बोधन दिया इस अवसर पर विद्यालय की शिक्षिकाएं नंदिनी ,सुनीता ,ललिता उपस्थित थी, आदर्श विद्यालय में समय-समय पर कई प्रकार की गतिविधियां की जाती रही है 2024 के इस सत्र में पहला कार्यक्रम गुरु पूर्णिमा गुरु पर्व के रूप में मनाया गया