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’’बाल विवाह को कहे ना’’ अभियान के तहत गंभीरता से कार्य करें अधिकारी-मीणा

जालोर (6 अप्रेल 2023) राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश विरेन्द्र कुमार मीणा ने शुक्रवार को विभिन्न अधिकारियों की बैठक लेकर ‘‘बाल विवाह को कहे ना’’ अभियान के तहत गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने उपस्थित अधिकारियों को कहा कि कहीं पर बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त होती है तो तुरंत संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को सूचित किया जावें एवं आवश्यक कार्यवाही की जावें। उन्होंने कहा कि हम सब का यह दायित्व है कि बाल विवाह से होने वाले दुष्पपरिणामों के बारे में आमजन को जागरूक करें साथ ही बाल विवाह रोकने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करें। उन्होंने अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल को कहा कि वे सभी उपखण्ड मजिस्ट्रेट एवं तहसीलदार जो बाल विवाह निषेध अधिकारी हैं, को निर्देश प्रदान करें कि बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त होने पर बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत विधिक कार्यवाही अमल में लाये। उन्होंने जिला परिषद, महिला बाल अधिकारिता विभाग, शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कहा कि वे अपने स्तर पर ‘‘बाल विवाह को कहे ना अभियान’’ का प्रचार-प्रसार करें एवं बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त होने पर संबंधित उपखंड अधिकारी, तहसीलदार या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, तालुका विधिक सेवा समितियों को सूचित करें। बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल, जिला परिषद के एसीईओ कंवरलाल सोनी, बाल अधिकारिता विभाग के रामजीवन विश्नोई व शिक्षा विभाग के शांतिलाल दवे आदि उपस्थित रहे। बाल विवाह से संबंधित सूचना कंट्रोल रूम पर देवें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने आमजन से अपील की है कि यदि कहीं पर बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त हो तो संबंधित उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार को सूचित करें साथ ही बाल विवाह रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन की ओर से जिले भर में कंट्रोल रूम स्थापित किये गये है वहां पर सूचना देवें। इसके अलावा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के हेल्प लाइन नंबर 8306002126 पर भी सूचना दी जा सकती है। टास्क फोर्स रखेगी निगरानी बाल विवाह रोकथाम को लेकर राज्य प्राधिकरण के निर्देशानुसार ग्राम पंचायत स्तर से लगाकर जिला स्तर तक की कमेटियों द्वारा जिले में बाल विवाह पर निगरानी, जागरूकता आदि जरूरतमंदां को सहायता एवं सहयोग प्रदान किया जाएगा। हो सकती है सजा बाल विवाह करवाने वालों के साथ साथ बाल विवाह में शामिल होने वाले पंडित, हलवाई, बाराती आदि को भी सजा हो सकती है। किसी लडके या लडकी का बाल विवाह किये जाने पर सजा का भी प्रावधान है, इसके लिए दो साल की सजा, या एक लाख रूपये का जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।

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