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शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज काम करने की अधिक आवश्यकता* *सीएसआर फेस्ट में कॉर्पोरेट्स, एजुकेशनिस्ट,सोशल वर्कर सहित 250 प्रतिनिधि हुए शामिल सरकार और कंपनिया मिलकर करे सामाजिक विकास

इंदौर । गैर लाभकारी संस्था सत्या फाउंडेशन ने होस्पीहेल्थ कंसल्टेंट इंडिया के साथ मिलकर होटल सयाजी में सीएसआर फेस्ट का आयोजन किया। इस में भारतीय शिक्षण मंडल,नागपुर और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,इंदौर सहयोगी संस्थाएं थी।यह जानकारी कार्यक्रम संयोजक प्रो . रंजना सहगल और डॉ. विनय कोठारी ने देते हुए बताया कि फेस्ट में कॉर्पोरेट्स,शिक्षा शास्त्री,सोशल वर्कर करीब 250 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।फेस्ट का शुभारंभ करते हुए जयंत बांठिया ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा एक -दूसरे के पूरक है और इन दोनो का विकास जरूरी है एविडेंस और डाटा पर भरोसा करके ही हमे विकास करना होगा। सरकार भी सी.एस.आर.से सहयोग लेकर करे विकास। उच्च शिक्षा और इनक्लूसिव एजुकेशन पर काम करने की आवश्यकता है। जरूरी यह भी है कि आज बाल मृत्यु दर, महिला मृत्यु दर और संक्रामक बीमारियों पर नियंत्रण की आवश्यकता है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,इंदौर की कुलपति डॉ. रेणु जैन ने कहा कि सी.एस.आर. एक इनोवेटिव आइडिया है।किसी समय दान हमारी परंपरा रही। सी.एस.आर. दान का ही स्वरूप है। इसके माध्यम से हम समाज के लिए बहुत कुछ कर सकते है। एनसीसी और एनएसएस मिलकर के अधिक से अधिक हेल्थ कैंप के आयोजन करे। प्रो. रंजना सहगल ने कहा कि अकेले सरकार अपने बलबूते विकास नहीं कर सकती अत उसे सीएसआर की जरूरत है। ये रणनीति बना सकते है। सरकार के पास पर्याप्त पैसा है, संसाधन है, लेकिन इन दोनो का इस्तेमाल कहा करना है इसका सही मार्गदर्शन सी.एस.आर दे सकता है।डॉ. विनय कोठारी ने कहा कि सी एस आर के प्रति वचनबद्धता होनी चाहिए।हमारी संस्था के देश में करीब 250 हॉस्पिटल है और कई हॉस्पिटल सी एस आर से ही चल रहे है। सी सी आर स्मॉल,स्मार्ट और सस्टेनेबल होना चाहिए। दूसरे सत्र में शिक्षा और स्वास्थ पर समूह चर्चा हुई, जिसमे प्रतीक पाटन, रामन्ना अय्यर ने भाग लिया, जिसमे निष्कर्ष रहा कि सी एस आर को बिजनेस का भाग बनाया जाए और जो सामाजिक समस्या है उसको सर्च कर एक्टिविटी की जाए। सुंदर राम कोरिवी ने कहा कि कारपोरेट कंपनिया प्रोफेशनल तरीके से कार्य करे इस से उनकी भी समाज में फिजियब्लिटी बढ़ती है। आपने सीएसआर एक्ट के बारे ने विस्तार से बताया तथा मुकेश सब्बरवाल ने कहा कि शिक्षा में सब लोगो के मदद करने की जरूरत है।कार्यक्रम के अंत में श्री आनंद गौड़ जी द्वारा सभी मुख्य अतिथियो का आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम की संक्षिप्तिका प्रस्तुत की।

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