============ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अधीन काम करने वाली एसीबी ने 10 मई को लोकेश नामक एक दलाल को 12 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा है। इसके साथी एसीबी ने दलाल और पीडि़त व्यक्ति यानी रिश्वत की राशि देने वाले के बीच हुई मोबाइल वार्ता को भी सार्वजनिक किया है। दलाल कह रहा है कि नगरीय विकास विभाग (यूडीएच) के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा तो हंड्रेड परसेंट रिश्वत लेते हैं, जबकि मंत्री शांति धारीवाल का मामला थोड़ा भारी है। गंभीर बात तो यह कि उदयपुर के लैंड कन्वर्जन के मामले में सरकार से एनओसी लेने की जरूरत ही नहीं थी, लेकिन फिर भी उदयपुर के नगर सुधार न्यास ने फाइल को जयपुर भेजा, यानी बगैर काम के भी यूडीएच में लूट मची हुई है। एसीबी द्वारा जारी संवाद से शांति धारीवाल के यूडीएच में फैले भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है। मुख्यमंत्री गहलोत माने या नहीं लेकिन नगरीय विकास विभाग के राजस्थान भर के कार्यालयों पर हर टेबल पर रिश्वत देनी पड़ती है, जब विभाग के सबसे बड़े अधिकारी पर हंड्रेड परसेंट लेने का तमगा लगा हुआ है, तब नीचे के स्तर पर हो रही लूट का अंदाजा लगाया जा सकता है। लैंड कन्वर्जन के मामलों में तो जमीन की मौजूदा कमर्शियल कीमत का आकलन करके रिश्वत मांगी जाती है। सरकारी कार्मिक रिश्वत ऐसे मांगते हैं जैसे जमीन वही दे रहे हैं। अजमेर सहित जिन बड़े शहरों में विकास प्राधिकरण बने हुए हैं, वहां तो रिश्वत की दर भी ज्यादा है। पायलट बनाए मुद्दा: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट इन दिनों जन संघर्ष यात्रा निकाल रहे हैं। यात्रा का मकसद पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच करवाने का है। इस यात्रा को देखते हुए पायलट कितने दिन कांग्रेस में बने रहेंगे यह भी कहा नहीं जा सकता। लेकिन पायलट को अब मौजूदा गहलोत सरकार में फैले भ्रष्टाचार के मुद्दे भी उठाने चाहिए। एसीबी ने धारीवाल के विभाग में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोली है। सबसे पहले उसे ही मुद्दा बनाया जाना चाहिए। पायलट यदि गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो जन संघर्ष यात्रा को ज्यादा समर्थन मिलेगा। भ्रष्टाचार यूडीएच में ही नहीं है, बल्कि हर विभाग में है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट 2018 में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर सत्ता में आए थे, लेकिन अब साढ़े 4 साल के बाद राजस्थान में भ्रष्टाचार चरम पर है। सचिन पायलट जितनी जल्दी गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाएंगे उतना उन्हें राजनीतिक लाभ होगा। दारा का सटीक कार्टून: सचिन पायलट जो जनसंघर्ष पद यात्रा निकाल रहे हैं, उस पर किशनगढ़ के कार्टूनिस्ट जसवंत दारा ने एक सटीक कार्टून बनाया है। इस कार्टून में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक ऊंट पर बैठा दिखाया गया है, जबकि सचिन पायलट ऊंट की पूंछ खींचकर दूसरी ओर ले जा रहे हैं। यानी गहलोत ऊंट को आगे ले जाने के प्रयास में है तो पायलट ऊंट को पीछे खींच रहे हैं। इस कार्टून से राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति को समझा जा सकता है। इस सटीक कार्टून के लिए मोबाइल नंबर 9828054045 पर जसवंत दारा की हौसला अफजाई की जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (12-05-2023) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9929383123 #9728 सचिन पायलट को गहलोत सरकार में पहले भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाना चाहिए। शांति धारीवाल के यूडीएच में फैले भ्रष्टाचार को एसीबी ने ही उजागर किया है। दलाल ने कहा यूडीएच के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा रिश्वत की राशि हंड्रेड परसेंट लेंगे। पायलट की पदयात्रा पर जसवंत दारा का सटीक कार्टून। ============ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अधीन काम करने वाली एसीबी ने 10 मई को लोकेश नामक एक दलाल को 12 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा है। इसके साथी एसीबी ने दलाल और पीडि़त व्यक्ति यानी रिश्वत की राशि देने वाले के बीच हुई मोबाइल वार्ता को भी सार्वजनिक किया है। दलाल कह रहा है कि नगरीय विकास विभाग (यूडीएच) के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा तो हंड्रेड परसेंट रिश्वत लेते हैं, जबकि मंत्री शांति धारीवाल का मामला थोड़ा भारी है। गंभीर बात तो यह कि उदयपुर के लैंड कन्वर्जन के मामले में सरकार से एनओसी लेने की जरूरत ही नहीं थी, लेकिन फिर भी उदयपुर के नगर सुधार न्यास ने फाइल को जयपुर भेजा, यानी बगैर काम के भी यूडीएच में लूट मची हुई है। एसीबी द्वारा जारी संवाद से शांति धारीवाल के यूडीएच में फैले भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है। मुख्यमंत्री गहलोत माने या नहीं लेकिन नगरीय विकास विभाग के राजस्थान भर के कार्यालयों पर हर टेबल पर रिश्वत देनी पड़ती है, जब विभाग के सबसे बड़े अधिकारी पर हंड्रेड परसेंट लेने का तमगा लगा हुआ है, तब नीचे के स्तर पर हो रही लूट का अंदाजा लगाया जा सकता है। लैंड कन्वर्जन के मामलों में तो जमीन की मौजूदा कमर्शियल कीमत का आकलन करके रिश्वत मांगी जाती है। सरकारी कार्मिक रिश्वत ऐसे मांगते हैं जैसे जमीन वही दे रहे हैं। अजमेर सहित जिन बड़े शहरों में विकास प्राधिकरण बने हुए हैं, वहां तो रिश्वत की दर भी ज्यादा है। पायलट बनाए मुद्दा: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट इन दिनों जन संघर्ष यात्रा निकाल रहे हैं। यात्रा का मकसद पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच करवाने का है। इस यात्रा को देखते हुए पायलट कितने दिन कांग्रेस में बने रहेंगे यह भी कहा नहीं जा सकता। लेकिन पायलट को अब मौजूदा गहलोत सरकार में फैले भ्रष्टाचार के मुद्दे भी उठाने चाहिए। एसीबी ने धारीवाल के विभाग में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोली है। सबसे पहले उसे ही मुद्दा बनाया जाना चाहिए। पायलट यदि गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो जन संघर्ष यात्रा को ज्यादा समर्थन मिलेगा। भ्रष्टाचार यूडीएच में ही नहीं है, बल्कि हर विभाग में है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट 2018 में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर सत्ता में आए थे, लेकिन अब साढ़े 4 साल के बाद राजस्थान में भ्रष्टाचार चरम पर है। सचिन पायलट जितनी जल्दी गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाएंगे उतना उन्हें राजनीतिक लाभ होगा। दारा का सटीक कार्टून: सचिन पायलट जो जनसंघर्ष पद यात्रा निकाल रहे हैं, उस पर किशनगढ़ के कार्टूनिस्ट जसवंत दारा ने एक सटीक कार्टून बनाया है। इस कार्टून में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक ऊंट पर बैठा दिखाया गया है, जबकि सचिन पायलट ऊंट की पूंछ खींचकर दूसरी ओर ले जा रहे हैं। यानी गहलोत ऊंट को आगे ले जाने के प्रयास में है तो पायलट ऊंट को पीछे खींच रहे हैं। इस कार्टून से राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति को समझा जा सकता है। इस सटीक कार्टून के लिए मोबाइल नंबर 9828054045 पर जसवंत दारा की हौसला अफजाई की जा सकती है।