इंद्रदेव के रूठने से किसानों के आए आसु ।।सुनाई अपनी व्यथा,,,,,अल्प वर्षा से सोयाबीन किसानों की चिंता बड़ी ,,बारिश नहीं होने से किसानों कि चिंता बढ़ने लगी है। सोयाबीन को पानी पिलाने के साथ साथ किसान मानसिक संतुलन से भी परेशान होने लगा है*। ,,,,,,,,,,,मनासा विधानसभा क्षेत्र के रामपुरा तहसील के अंतर्गत ग्राम चचोर के किसान सलीम भाई पठान, राधेश्याम पाटीदार, कैलाश माली, राधेश्याम मेघवाल ,इस्लाम मोहम्मद मंसूरी,, तुलसीराम पाटीदार ,,नंदकिशोर पाटीदार ,,ने बताया कि क्षेत्र में बारिश नहीं होने से किसानों के चेहरे मुरझाए हुए लगने लगें। अकाल जैसे हालात हो गए हैं इस वर्ष कम बारिश होने से जमीन में पर्याप्त मात्रा में नमी नहीं बनीं है। इसलिए किसान सोयाबीन को पानी पिलाने के लिए दिन रात सिंचाई कर रहे हैं। जिससे गायों का चारा तो हो सके।। किसानो,,, ने बताया। हमारे फसले पूरी तरह नष्ट हो चुकी है और इस और ना तो किसी पटवारी ना गिरदावर और ना ही किसी तहसीलदार का आना-जाना हो रहा है और ना ही वह हमारी फसल की जांच पड़ताल कर रहे हैं। ना हमारी फसलों का सर्वे किया जा रहा है। क्योंकि फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। हमें बस झूठी तसल्ली दे रहे हैं। और कहां जा रहा है कि हमने हर एक गांव में युवा लड़कों की नियुक्ति कर रखी है। आख़िर ऐसा क्यों ।। ओर अगर अगले 2,,,3 में बारिश नहीं हुई तो किसानों कि फ़सल चौपट तो हो ही गई पर पशुओं के पशु चारा भी नहीं रहेगा ।। क्योंकि इस बार भी अल्प वर्षा हुई है ।काल ही पड़ा है।और बहुत से बाड़ पीड़ित किसान2018,19में मुआवजा राशि से वंचित रह चुके हैं अति दृष्टि से बाढ़ पीड़ित किसानों को सरकार ने मुआवजा दिया था।। उनमें से लगभग 70% मुआवजा ग्राम चचोर के किसानों को मुआवजा आज तक नहीं मिला है यह सब कर्मचारियों के भ्रष्टाचार की बीमारी का नतीजा है ।जो आज भी किसान इंतजार कर रहे हैं।। कि इस बार भी हमें मुआवजा मिले।। क्योंकि इस बार भी अल्प वर्षा (कम बारिश)की वजह से त्रासदी हुई है और यह प्राकृतिक आपदा ही है।। जिससे किसानों की सारी फसल खत्म हो चुकी है सूख चुकी है ।और खेत का खेत खाली हो गए हैं ।अपने आप ।। अगर समय पर बारिश हो जाती। तो किसान कुछ हद तक अपना जीवन यापन कर सकते थे।। पर इस बार ऐसा नहीं हुआ है ।और बारिश न होने की वजह से अकाल ही पडा है। और किसान सरकार से निवेदन करते हैं कि हमें मुआवजा दे ।और साथ में 2018-19 का मुआवजा जिन किसानों को नहीं मिला है। उन किसानों को भी मुआवजा और इस बार का मुआवजा दोनों साथ में दे। क्योंकि बीमा तो हर साल किसानों को मिलता ही है। पर सभी किसान ऐसे नहीं होते हैं। जो बीमा करवाते हैं। क्योंकि अधिकतर किसान साक्षर नहीं होते हैं बहुत से किसान अनपढ़ ही मिलते हैं ।।जिनको कर्मचारी भ्रष्टाचार की बीमारी की वजह से किसानों को बीमा के बारे में जानकारी नहीं दे पाते हैं। और वह बीमा से वंचित रह जाते हैं ऐसे में 70% किसान बीमा राशि से वंचित रह जाते हैं और इस बार सूखा घोषित त्रासदी की वजह से अकाल ही है ।और जिन किसानों के बीमा नहीं है। तो सरकार उनको मुआवजा राशि प्रदान करें जिससे वह अपना जीवन यापन कर सके,,,,,,,,,,,,, चचोर ,,,,,से दशरथ माली की,,, रिपोर्ट,,,,