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विद्यालय में ठण्ड से अड़चन ठिठुर रहा बचपन घने कोहरे और शीतलहर के बाद भी बच्चों को स्कूल जाना पड़ रहा है। अभिभावक इस सर्द मौसम में कुछ दिनों के लिए विद्यालयों को बंद करने की मांग कर रहे हैं

Neemuchhulchal (रिपोर्टर मुकेश राठौर) ✍️✍️ भयंकर शीत लहर ने जो अपना सर्द रूप दिखाना शुरू किया वह लगातार बढ़ता जा रहा हे । सरकारी स्कूलों के साथ ही कुछ प्राइवेट स्कूल भी खुले हैं जिससे बच्चों को ऐसे मौसम में भी स्कूल जाने की मजबूरी है। वहीं अभिभावकों का कहना है कि शीतलहर को देखते हुए विद्यालयों को कुछ दिनों के लिए बंद कर देना चाहिए। अभिभावकों का कहना हे कि घने कोहरे और कड़ाके की ठंड में मासूम बच्चों का विद्यालय जाना जोखिम भरा है, बच्चे मजबूरन विद्यालय जाने को बाध्य है। अतः कड़ाके की सर्दी और कोहरे को देखते हुए समस्त विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश घोषित करना आवश्यक है। शीतलहर के चलते दिनभर सूर्य भगवान ने दर्शन ही नही दिए। दोपहर को कोहरे से थोड़ी राहत मिलती दिखाई दे रही थी लेकिन शाम होते ही घने कोहरे ने पूरे शहर को अपनी आग्रह में ले लिया। ठंड में बच्चे हो रहे परेशान : विद्यालय बंद नहीं होने के कारण सभी बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सुबह से विद्यालय वैन रिक्शा आदि सड़कों पर दौड़ने लगते हैं। कोहरे व गलन के बीच बच्चों को विद्यालय जाना पड़ता है। अभिभावक भी विद्यालय प्रबंधन से छुट्टी के लिए दबाव भी नहीं बना पा रहे हैं। जिसका फायदा विद्यालय प्रबंधन उठाता है।ठंड का मौसम शुरू हो चुका है, लेकिन स्कूलों के बच्चों को बैठने के लिए फर्नीचर के इंतजाम नहीं हैं। ठंड में बच्चे जमीन पर बैठकर ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं। विभागीय अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं है। शहरी क्षेत्र के अधिकतर स्कूल ऐसे हैं जिनमें बच्चों के लिए फर्नीचर की व्यवस्था नहीं हो सकी है। ठंड में ठिठुरते हुए बच्चे जमीन पर बिछी दरी पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। विभागीय अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है। नहीं निकली दिनभर धूप, छाया रहा कोहरा : ठंड लगातार बढ़ रहा है। दिनभर भोर में घना कोहरा छाया हुआ रहता हे । पूरे दिन धूप नहीं निकली। ऐसे में जबरदस्त गलन का भी सामना करना पड़ रहा हे पिछले कुछ दिनों मौसम में थोड़ा सुधार हुआ था। अच्छी धूप निकलने लगी थी। वैसे सुबह व रात में कड़ाके की ठंड बनी रहती है। लोगों को लगने लगा था कि मौसम अब ठीक हो गया है, लेकिन मौसम का मिजाज में शाम से अचानक बदलाव आया। बादल भी छाए हुए थे इस कारण से दोपहर में भी सूर्य के दर्शन नहीं हुए। धूप नहीं निकले के कारण लोग ठिठुरने को मजबूर हो गए। गलन व ठिठुरन के कारण लोग घरों में ही सीमित रहे। अलाव से पहुंचाई राहत : सर्दी से निजात पाने के लिए लोगों ने घरों में रूम हीटर, ब्लोअर आदि का सहारा लिया, जबकि बाहर निकले लोगों, पटरी दुकानदारों, रिक्शा चालकों ने सड़कों के किनारे अलाव, कूड़ा करकट जलाकर अपने आप को राहत पहुंचाई।

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