रिपोर्ट-अजीमुल्ला खान रामपुरा। रामपुरा यूं तो सरकार शिक्षा के उत्थान और आदिवासी गरीब छात्रों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने हेतु कई प्रकार की योजनाएं चलाकर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है किंतु शासन के कुछ नुमाइंदे अपने गैर जिम्मेदाराना रवैया के चलते शासन की योजनाओं का किस प्रकार पलीता लगाते हैं ऐसा ही एक मामला समीपस्थ ग्राम चचोर में आदिवासी बच्चों के लिए शासन द्वारा चलाया जा रहा अनुसूचित जाति आदिवासी पोस्ट मैट्रिक छात्रावास मैं देखी जा सकती है जहां पर छात्रावास अधीक्षक बच्चूसिंह तोमर की मनमानी के चलते अनियमितताओं तथा अव्यवस्थाओं का शिकार होकर यहां पर रहने वाले गरीब बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है छात्रावास बिल्डिंग जर्जर होकर कभी भी जनहानि हो सकती है। चौकीदार के भरोसे छात्रावास चल रहा है बिल्डिंग की मरम्मत भी नहीं करवाई गई है इस संबंध में जब छात्रावास अधीक्षक श्री बच्चुसिंह तोमर से फोन पर चर्चा की तो उन्होंने बताया कि यह जो बिल्डिंग है यह सामने है और वहां पर चौकीदार है मेरा वहां रहना जरूरी नहीं है इस प्रकार के गैर जिम्मेदाराना बयान देकर उच्च अधिकारियों को ही तोमर चुनौती दे रहा है क्या जिला अधिकारी छात्रावास अधीक्षक तोमर के इस रवैयै तथा बयान पर संज्ञान लेकर भ्रष्ट छात्रावास अधीक्षक के खिलाफ कार्यवाही करेंगे।