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सरस्वती शिशु मंदिर रतनगढ़ में नए सत्र हेतु नवीन भैया बहिनों का प्रवेशोत्सव हुआ प्रारंभ, संयोजक मंडल की बैठक में प्रधानाचार्य द्वारा संस्था की वार्षिक आय व्यय का लेखा-जोखा पेश कर,भैया बहिनो की संख्या वृद्धि हेतु किए गए प्रयासों की समीक्षा की गई।

सेवा,त्याग,संस्कार, सदाचार एवं राष्ट्रीयता की भावना को जन मानस मे पहुंचाने एवं भारतीय संस्कृति को परम वैभव तक पहुंचाने के उद्देश्य से पूरे देश में संचालित हो रही एक मात्र निजी शिक्षण संस्था विद्या भारती की ग्रामीण इकाई की शाखा जो कि रतनगढ़ मे वर्ष 1996 से संचालित है।सरस्वती शिशु मंदिर मे आगामी सत्र हेतु नवीन भैया बहिनों का प्रवेशोत्सव मनाया गया।इस दौरान विद्यालय के प्रधानाचार्य जयपाल सिंह राजपूत द्वारा संयोजक मंडल के समक्ष संस्था के आय व्यय का लेखा-जोखा पेश करते हुए विद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियां बताते हुए आगामी गतिविधियों की भी जानकारी प्रदान की। एवं विद्यालय में भैया बहनों की संख्या वृद्धि हेतु किए गए प्रयासों की समीक्षा की गई।इसके पूर्व सर्वप्रथम मां सरस्वती,भारत माता एवं प्रणवाक्षर ओम की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर नवीन प्रवेशोत्सव का शुभारंभ किया।प्रवेश उत्सव के अवसर पर संस्था मे पधारे विद्यालय के संयोजक कंवरलाल मीणा,ओमप्रकाश मूंदड़ा,जोगेंद्र चारण, प्रहलाद सोनी उस्ताद, विमल व्यास, शिवनंदन छिपा, हरीश माली, डॉक्टर बिलाल मंसूरी, महेंद्र सिंह राजपूत मधु बना, अमित सिंह तोमर टिंकू बना, मुरली बैरागी,सुरेश साहू, निर्मल मूंदड़ा,रोशन बंजारा आदि का संस्था के प्रधानाचार्य जयपाल सिंह राजपूत एवं संस्था के आचार्य मनीष बैरागी द्वारा भगवा दुपट्टा एवं कुमकुम तिलक से स्वागत किया गया।इस दौरान विद्यालय का संपूर्ण आचार्य,दीदी परिवार भी उपस्थित था।बैठक का संचालन प्रधानाचार्य जयपाल सिंह एवं आभार संयोजक कंवरलाल मीणा ने व्यक्त किया।

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