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स्थानीय को रोजगार बाहरी को विदाई सहित बिजली पानी शिक्षा स्वास्थ्य की मांग को लेकर टाटा सोलर पावर प्लांट के बाहर बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने किया धरना प्रदर्शन, गोद लिए गांव की विकास की जिम्मेदारी उठाने से सोलर प्लांट के अधिकारी अपनी बातों से मुकरे, ग्रामीणों को कुछ राजनेताओं के दबाव मे पुलिस प्रशासन के द्वारा डरा धमकाकर चुप करने का भी किया पूरा प्रयास।

नीमच। वेलस्पन कम्पनी के द्वारा 11 वर्षो पूर्व बधावा पंचायत के पाड़लिया लक्ष्मीपुरा मे सौर ऊर्जा प्लान्ट लगाया था।जिसमे पंचायत क्षेत्र की हजारों बीघा जमीन को अधिग्रहण कर सौलर प्लान्ट की स्थापना की थी।इस दौरान कई किसानों की रोजी रोटी का जरिया वह भूमि भी चली गई थी।जिस पर वह खेतीबाड़ी किया करते थे।इस दौरान कम्पनी के कर्ताधर्ताओं ने क्षेत्र के नागरिकों को रोजगार देने के साथ ही पंचायत क्षेत्र के विकास का वादा किया और पाड़लिया गांव को गोद लेने की बात कही थी।लैकिन कुछ वर्षों बाद ही वेलस्पन कम्पनी ने सौर ऊर्जा प्लान्ट को टाटा पावर कम्पनी को बेच दिया।अब अधिकारी पंचायत क्षेत्र मे शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, रोजगार व विकास के वादे से पल्ला झाड़ते हुए पाड़लिया लक्ष्मीपूरा गांव को गोद लेने की बात से भी मुकर रहे है।पंचायत क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों की हालत बुरी तरह से झर्झर अवस्था में है।बच्चो को कभी मंदिर तो कभी बाड़े मे तो कभी पैड़ के नीचे खूले मे बैठकर जान झोखिम मे डालकर पढाई करना पढ रही है।टाटा पावर सौलर ऊर्जा प्लांट के जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी के कारण बड़ी संख्या में क्षेत्र के स्थानीय ग्रामीण युवा कई वर्षो से बेरोजगार बैठे हुए है। पंचायत क्षेत्र से बाहर के लोग आकर यहां पर काम कर रहे है। सौलर प्लांट में बाहर से आकर हजारों लाखों रुपए के मनमाने ठेकों में भी हठधर्मिता एवं मनमानी की जा रही है।राजनीतिक दबाव में धनाड्य एवं अपने चहेते लोगो को बिना किसी मापदंड के प्रतिवर्ष लाखो रुपये के ठेके दिए जा रहे है।और क्षेत्र के स्थानीय ग्रामीणों का बुरी तरह से शोषण किया जा रहा है।ग्रामीणों में सौर ऊर्जा प्लांट के अधिकारियों के खिलाफ भारी आक्रोश का वातावरण निर्मित हो गया था।शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पेयजल, सड़क व बिजली सहित स्थानीय व्यक्तियो को रोजगार की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण महिला पुरुष व युवा सौलर प्लान्ट के बाहर एकत्रित हुए।और शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया।इस दौरान यह भी देखा गया कि प्लांट के अधिकारियों के द्वारा अपनी जायज मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से बड़ी संख्या मे धरना प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण महिला पुरुष एवं युवाओं को कुछ नेताओं के दबाव में आकर पुलिस प्रशासन बुलवाकर उनके जरिए डराने धमकाने का पूरा प्रयास किया गया।इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी भी कुछ नेताओं के दबाव में आकर अपने कर्तव्य का पालन करने के बजाय ग्रामीणों को धमकाकर चुप कराने का प्रयास करते हुए देखे गए।लेकिन मीडिया की उपस्थिति के कारण अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए।इस दौरान ग्राम पंचायत सरपंच की उपस्थिति मे पंचायत के लेटर पेड पर प्रमुख रुप स्थानीय को रोजगार और बाहरी को विदाई, पाड़लिया मे 10 हार्सपावर की मोटर व पानी की टंकी,ग्राम पंचायत के 5 किलो मीटर के दायरे मे आने वाले सभी 12 गांवो मे लाईट के पोल की व्यवस्था संख्या 100, पाड़लिया गांव मे रोड़ बनवाना,पंचायत के सभी स्कूलो मे स्वच्छ पेयजल के लिए आरो प्लान्ट की व्यवस्था करवाना,बधावा पंचायत के सभी स्कूलो मे बिजली की व्यवस्था करना, सौलर प्लेट धोने का ठेका बाहरी व्यक्ति से लेकर स्थानीय व्यक्ति को देना।आवश्यकता नुसार गांवो मे 500 मीटर तक सड़क रोड़ का निर्माण करवाना आदि प्रमुख मांगे थी।जिन्हे अधिकारियों द्वारा शिघ्र पूरा करने के आश्वासन के पश्चात धरना समाप्त किया गया। ग्रामीणों ने चेतावनी भरे लहजे मे यह भी कहा कि अगर हमारी मांगे पूरी नही हुई। तो हम फिर से धरना प्रदर्शन करेंगे।इस दौरान नायब तहसीलदार शत्रुघ्न चतुर्वेदी, टाटा पावर सौर उर्जा प्लान्ट पाड़लिया के इंचार्ज विवेक सिंह, सीएसआर वरुण चतुर्वेदी,थाना प्रभारी बी.एस.गौरे भी मय दल बल के पूरे समय मौजूद रहे।

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