(स.शि.म.दडोली में कक्षा अष्टम के भैया, बहिनों का दीक्षांत समारोह सम्पन्न...) जावी - संस्कारों से ओत प्रोत शिक्षा देने का कार्य सरस्वती शिशु मन्दिर के माध्यम से किया जाता है। सरस्वती शिशु मंदिर ही एकमात्र ऐसा केंद्र है जहां अक्षर ज्ञान के साथ संस्कारों से ओतप्रोत शिक्षा दी जाती है। आप सभी ने यहां से जो संस्कार सीखे है उन्हें संजोकर रखें आपके अंदर जो संस्कार है सिर्फ समय समय पर आपको उन्हें अनुशरण करना है क्योंकि आज के समय में शिशु मन्दिर के भैया, बहिन सभी जगह प्रतिनिधित्व कर रहे है क्योंकि सरस्वती शिशु मन्दिर सर्वांगीण विकास की शिक्षा देने का केंद्र है। उक्त विचार विद्या भारती के निर्देशन में ग्राम भारती शिक्षा समिति मालवा द्वारा मार्गदर्शित नीमच जिला ग्राम विकास शिक्षण समिति द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मन्दिर दडोली में कक्षा अष्टम के भैया, बहिनों के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य वक्ता ग्राम भारती जावद तहसील प्रमुख कन्हैयालाल कारपेंटर ने व्यक्त किए। शिशु मन्दिर में आपको जो संस्कार दिए है यह आपकी पूंजी है इस पूंजी का आपको कहा उपयोग करना है इसका निर्णय आप अपनी बुध्दि से करें। जीवन मे किसी भी मोड़ पर आपको असफ़लता नही मिलेगी और सफलता के परचम लहराते रहेंगें। कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ ग्राम भारती तहसील प्रमुख कन्हैयालाल कारपेंटर, विद्यालय संयोजक देवीलाल खींची ने सरस्वती, ॐ, भारतमाता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर पूजन अर्चन किया। कक्षा अष्टम के भैया, बहिनों द्वारा विद्यालय में उपयोग हेतु प्रधानाचार्य को राउंडिंग कुर्सी भेंट की। सभी भैया, बहिनों को विद्यालय के प्रधानाचार्य व आचार्य परिवार द्वारा चित्र व पेन दिए गए। दीक्षांत समारोह का कार्यक्रम में विशेष रूप से विद्यालय प्रधानाचार्य गोपाल कच्छावा, सूरजमल कच्छावा नीलियाँ, विक्रम कच्छावा नीलियाँ, प्रतापसिंह जगेपुर हाड़ा, पूर्व आचार्य धर्मेंद्र पाटीदार बसेड़ी भाटी, अमृत मेघवाल दडोली एवं विद्यालय आचार्य परिवार दीपिका शर्मा, रानू कच्छावा, सीमा मोदी, कोमल हाड़ा, संगीता पाटीदार, माया गोड़ देवकन्या लोची सहित भैया, बहिन उपस्थिति रहे। कार्यक्रम का संचालन दीपिका शर्मा ने किया एवं कार्यक्रम में अतिथि परिचय, स्वागत एवं आभार विद्यालय प्रधानाचार्य गोपाल कच्छावा ने किया। कार्यक्रम का समापन सहभोज के बाद हुआ।