(दौलतराम मेघवाल) नीमच - शिक्षा विभाग के आला अफसर प्रदेश के लगभग 80 हजार शिक्षकों सहित पात्र शिक्षक (अध्यापक संवर्ग) को क्रमोन्नति देने मे पिछले 5 वर्षो से फाईल को घुमा रहै हैं ।क्रमोंन्नति के मामले पर अधिकारी वर्ग निर्णय नही कर पाया हैं ,कि 2006 से लेकर 20011 तक के नियुक्त अध्यापकों की क्रमोंन्नति कैसे दी जाये । आजाद अध्यापक संघ म. प्र. के प्रदेश महासचिव विनोद राठौर ने बताया हैं, कि प्रदेश में 2 लाख 87 हजार शिक्षक 2018 मे अध्यापक सें शिक्षक बने हैं ।उनमे से लगभग 80 हजार शिक्षक 2018 मे अपनी 12 वर्ष का सेवाकाल पूर्ण कर क्रमोन्नति के लिये पात्र हो गये थें । 2018 मे राज्य शिक्षा सेवा मे ईन शिक्षकों को शामिल किये जाने पर शासन ने स्पष्ट किया था की पूर्व की सेवाओं का लाभ (क्रमोन्नति) जल्द ही सरकार देगीं । 2018 से 2023 तक 5 वर्ष हो गये हैं 80 हजार शिक्षकों की क्रमोन्नति जारी करने की फाईल विभाग की टेबल पर धूल खा रही हैं ।ईससे स्पष्ट होता हैं ,कि विभाग के आला अफसर शिक्षकों के आर्थिक हको का हनन किस तरह से कर रहैं हैं ।शासन की प्रत्येक योजनाओं का कार्य युद्ध स्तर पर पूर्ण करने वाले आला अधिकारी आखिर शिक्षकों के क्रमोन्नति के मामले में कछुए की चाल क्यो चल रहैं हैं । 5 वर्ष मे तो कछुआ भी चलकर मंत्रालय पहुँच सकता हैं। अधिकारी वर्ग की ईस प्रकार की लचर नीति से स्पष्ट होता हैं ,कि 80 हजार शिक्षकों के हको पर कुठाराघात करके ईन शिक्षकों के मनमस्तिष्क मे सरकार कि छवि धूमिल करने का कार्य इन अधिकारियों के द्वारा किया जा रहा हैं । आजाद अध्यापक संघ म प्र द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय ,माननीय शिक्षामंत्री महोदय व शासन से जुडे़ हुवे समस्त जनप्रतिनिधियों से यह मांग की हैं ,कि शीघ्र ही 80 हजार सहित पात्र शिक्षकों की क्रमोन्नति के आदेश जारी करने विषयक निर्देशन अधिकारीयों को दे ताकि ईन शिक्षकों का आर्थिक नुकसान न हो ।