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22 साल नहीं मात्र 40 दिन बाद आए विजयवर्गीय

Neemuchhulchal ✍️✍️ जब इशारों से काम हो जाते हैं तो निगम आने की जरूरत क्या... यह बात कल कैलाश विजयवर्गीय ने निगम मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही और साथ में यह भी जोड़ा कि 22 साल बाद आया हूं और शव वाहन का उद्घाटन करवा रहे हो... इंदौर के पूरे मीडिया ने इस बात को हाईलाइट किया कि विजयवर्गीय 22 साल बाद निगम पहुंचे हैं... जबकि हकीकत यह है कि इसके पूर्व भी श्री विजयवर्गीय नगर निगम आ चुके हैं , अभी 40 दिन पहले ही 2 फरवरी को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ वे नगर निगम आए और नए परिषद् हॉल के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे... उस वक्त भी श्री विजयवर्गीय ने चमचमाते नए परिषद् हॉल को देखकर अपने अंदाज में ये बयान दिया था कि इतने सुंदर परिषद् हॉल देखकर ऐसा लगता है कि विधानसभा से लौटकर फिर पार्षद बन जाऊं... बहरहाल अभी ऐसा हल्ला मचाया कि 22 साल बाद मंत्री जी ने निगम में कदम रखा... वैसे ये बात भी कई लोगों को याद होगी कि श्री विजयवर्गीय कई साल पहले ये भी कह चुके है कि अब वे निगम की ओर मुंह करके नहीं सोते ... हालांकि यह बात अलग है कि अब वे उसी मंत्रालय के मुखिया है, जिसके अधीन निगम आता है... कल मंत्री जी ने पार्षदों को एक सही सलाह जरूर दी कि दूसरे शहरों की तरह वे बिल्डिंगे नापने ना पहुंच जाएं... वैसे इसकी हकीकत भी ये है कि इंदौरी पार्षदों को बिल्डिंगे नापने, नोटिस दिलवाने में महारत हासिल हैं , क्योंकि ऊपरी कमाई का ये एक बड़ा जरिया है... इसके अलावा कमीशनबाजी ,ठेले-गुमटियों को लगवाने , अतिक्रमण, अवैध कार्यों को संरक्षण देने के साथ अन्य कार्यों में भी विशेष रूचि रहती है... फिलहाल तो मंत्री जी नगर निगम को आर्थिक संकट से उभारे ताकि जिन कार्यों के भूमिपूजन और शिलान्यास उनके द्वारा हो रहे हैं, कम से कम वे ही समय से पूरे हो सकें

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