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चचोर में बंगालियों का जमावड़ा आज तक पीड़ित को नहीं मिला न्याय दर-दर भटकता हुआ पीड़ित

ग्राम चचोर तहसील रामपुरा जिला नीमच मध्य प्रदेश ग्राम चचौर में झोलाछाप डॉक्टरों का जमावड़ा इतना हो गया है कि आए दिन लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते आ रहे हैं ऐसे ही डॉक्टर हमारे यहां पर बंगालियों का जमावड़ा हो गया है क्योंकि आज से 4 साल पहले 2019 में एक वाकिया घटा था जिसका पीड़ित आज तक दुख दर्द झेल ही रहा है। और उसको अभी तक कोई न्याय नहीं मिला है ।यह वाक्या है 2019 का। जिसमें पीड़ित को मामूली दाद खुजली हुआ था जिसके बदले डॉक्टर विश्वजीत परे पिता राम पथ परे बंगाली डॉक्टर ने उसको इंजेक्शन लगा दिया था। उस डॉक्टर को इंजेक्शन का कोई नॉलेज भी नहीं था। बावजूद उसने इंजेक्शन ट्रीटमेंट किया तो उस इंजेक्शन की वजह से पीड़ित दशरथ पिता भगवान जी माली को वह इंजेक्शन की वजह से कुल्हा पक गया था रिएक्शन कर गया। और उससे उसके कूल्हे पुट्ठे पर सूजन आ गई और सूजन आते आते वह कुला इतना बड़ा हो गया और पक गया कि अब उस डॉक्टर के बस की बात नहीं रही थी तो बंगाली डॉक्टर विश्वजीत परे पिता राम पथ परे हाल मुकाम चचोर द्वारा इलाज के दौरान मरीज की हालत बिगाड़ दी। और जब उससे यह ट्रीटमेंट इलाज बिगड़ गया तो उसने हाथ खड़े कर दिए तो पीड़ित द्वारा बड़े अस्पताल में जाकर उसका इलाज करवाया और ऑपरेशन करवा कर पीड़ित एक से डेढ़ माह तक अस्पताल में भर्ती रहा जब हमने इसकी शिकायत सीएमओ सीएचएमओ नीमच रामपुरा थाना में व 181 पर की तो इधर रामपुरा सीएमओ द्वारा आकर पहले से ही सेटिंग करके डॉक्टर को रफा-दफा कर दिया और यहां आकर ताला बंद अस्पताल के सामने बैठकर केवल पंचनामा बनाकर खानापूर्ति करके चले गए पर आज तक कोई पूछने नहीं आया कि मरीज का क्या हुआ होगा अगर सही तरीके से जांच पड़ताल की जाए तो ग्राम चचोर में बंगाली डॉक्टर द्वारा ऐसे कई 15 से 20 कैसे हैं जिसमें कई लोगों की जान जोखिम में चली गई और कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है अगर सही तरीके से जांच की जाए तो डॉक्टर को उम्र कैद या 20 साल की सजा हो सकती हैं दशरथ माली आज को आज तक आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और ना कोर्ट की ओर से अभी तक कोई आदेश आया है और ना ही डॉक्टर की ओर से कोई मदद करने वाला आया है और वहां आज तक न्याय के इंतजार में रहा देख रहा हैं पर उसको अभी तक किसी भी तरह की सहायता नहीं मिली है । और वह आर्थिक तंगी से आज तक जूझ रहा है और उस घटना से आज तक नहीं उभर पाया है क्योंकि माली ही उसके घर का और परिवार का भरण पोषण करता है। जिसकी भरपाई डॉक्टर द्वारा आज तक नहीं की गई है। और कोर्ट द्वारा केस चल रहा है जिसका आज तक कोई निराकरण नहीं हुआ है क्योंकि देश का कानून अंधा है और गरीबों का केस कचरे के डिब्बे में पड़ा रहता है ।और अमीरों का केस रात को 12:00 बजे उठकर न्यायपालिका मैं फैसला सुना दिया जाता है । यही मेरे देश का दुर्भाग्य है।पर गरीबों को क्या हो इससे किसी के कोई लेना देना नहीं है।क्योंकि डॉक्टर बंगाली विश्वजीत परे पिता राम परे अच्छा खासा रसूखदार लोगों से रिश्ता रखने वाला और पॉलिटिक्स में अच्छी पकड़ रखने वाला और पैसे वाला अमीर जादा के संपर्क में रहता है। और उसने कई बड़ा हॉस्पिटल खोल रखा है जिसमें 10 से 15 पलंग इतना बड़ा अस्पताल लगा रखा है जबकि उसको डॉक्टरी के बारे में कोई नॉलेज भी नहीं है और ना ही उसके पास इंजेक्शन लगाने का कोई लाइसेंस है बावजूद केस कोर्ट में चलते-चलते आज 4 साल हो गया है और पीड़ित दर-दर भटकता हुआ आज तक इंतजार कर रहा है कि उसको कोई न्याय मिलेगा पर आज तक उसको कोई न्याय नहीं मिला । और जब भी कोर्ट में जाता है तो उसको न्याय तो नहीं मिलता है पर मिलता जरूर है और वह है तारीख। मिलती है तो तारीख पर तारीखऔर डॉक्टर बंगाली विश्वजीत परे पिता राम पद परे बेधड़क होकर अपना क्लीनिक चला रहा है। और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खेल रहा है और आए दिन लोगो का केस बिगड़ जाता है और वह बड़ी सिटी में जाकर अपना इलाज करवाते हैं तो सिविल हॉस्पिटल नीमच व सीएमओ सीएमओ रामपुरा द्वारा न्याय दिलाने की कृपा करें और ग्राम चचोर में बंगालियों के ऊपर शिकंजा कसे।,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, चचौर से दशरथ माली की रिपोर्ट

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