Neemuchhulchl उन्होंने कहा की कहते है की जोड़ियां उप्पर से बनकर आती है *मात्र एक मित्रता का रिश्ता ही भगवान हमारे उप्पर छोड़ता है,इसलिए दोस्त अच्छे बनाना चाहिए और दोस्त बनाने से पहले अपने मां बाप की सलाह जरूर लें क्योंकि आपके मां बाप ने दुनिया देखी है वो पहले ही परख लेते है की कोन दोस्त अच्छा है और कोन धोखेबाज। महाभारत में एक तरफ पांच पांडव थे और दूसरी तरफ 100 कोरव फिर भी जीत पांडव की हुई, क्योंकि उनके दोस्त और सलाहकार श्री कृष्ण थे,आज सबके जीवन में श्री कृष्ण और शकुनि जरूर होते है,श्री कृष्ण सबको नही मिलते मगर शकुनी सबको जरूर मिलते है और "मेरे बोलते ही आपके जहन में एक शकुनि का नाम" जरूर आया होगा। कोन शकुनि है उसे पहचानने के लिए हमे देखना होगा की कही आपने ऐसा दोस्त तो नही बनाया जो गलत काम करने पर भी आपको रोकने के बजाय उस गलत काम को करने की सलाह देते हुए कहे की, तू कर तो सही में तेरे साथ हु, सकारात्मक और नकारात्मक दोस्ती के बारे में शास्त्रों में भी बताया गया है, दुर्योधन ,कर्ण और श्री कृष्ण,अर्जुन इसके बड़े उदाहरण थे,आज के युवा गलत दिशा में जा रहे है वो कहते है की दोस्ती तो कर्ण दुर्योधन की तरह होना चाहिए, कर्ण जानते थे की दुर्योधन गलत है फिर भी साथ नही छोड़ा,क्या कर लिया दोनो मरगए,अगर बचालेते तो मानते फिर,वही श्री कृष्ण और अर्जुन की दोस्ती को देखलो भगवान ने लास्ट तक अर्जुन का साथ नही छोड़ा और पांडवों की जीत हो गई,5 पांडव 100 कोरवों पर भारी पड़ गए इसलिए जीवन में दोस्त हमेशा अच्छे बनाना चाहिए