Neemuchhulchal श्री गुर्जरखेड़ा सरकार का जन्मोत्सव वृहद भव्यता से साथ जावी में सम्पन्न...... जावी - श्री गुर्जरखेड़ा धाम मन्दिर प्रबंध समिति एवं सेवादार समिति के सामुहिक तत्वावधान में नीमच जिला मुख्यालय से 12 कि.मी. की दूरी पर स्थित दीन दुखियों के शरण स्थल श्री गुर्जरखेड़ा धाम जावी में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी श्री गुर्जरखेड़ा सरकार का जन्मोत्सव भव्यता के साथ संपन्न हुआ। जन्मोत्सव निमित्त सर्वप्रथम 14 जनवरी को मंदिर पर स्वच्छता कर मन्दिर पर आकर्षक विद्युत साज सज्जा की गई और मंदिर को फूल - फुलवारी से विशेष रूप से सजाया गया। 15 जनवरी को प्रातः में मंदिर में विराजमान दोनों देव को आकर्षक श्रृंगारित चोला चढ़ाया गया। तत्पश्चात पंडित घनश्याम त्रिवेदी पालसोड़ा ने मंत्रोपचार के साथ विधिविधान से स्थान के सभी देवी - देवताओं, धर्मगादी, दोनों देव की नवीन प्रतिछाया और वेवाण का विधिविधान से पूजन अर्चन करवाया तत्पश्चात महाआरती हुई और सभी देवों को भंडारे की महाप्रसादी का भोग लगाने के पश्चात भंडारा प्रारंभ हुआ। ततपश्चात वीरभद्र स्वरूप नाथों के नाथ श्री अघोरीनाथ पंडाजी घनश्याम लोहार के तन में पधारें और सेवादारों द्वारा बासा को बाघम्बरी धारण करवाई गई ततपश्चात श्री अघोरीनाथ ने मंदिर की एक परिक्रमा की ओर गादी पर विराजमान होकर जन्मोत्सव में उपस्थित सभी भक्तों को आशीर्वचन दिए और कहां की जहां जीव है वही शिव है, मन चंगा को कसौटी में गंगा, मनुष्य में अगर मानवता है तो वह मानव है। हमारी मुक्ति का अगर कोई मार्ग है तो वह हमारे माता-पिता की चरण वंदना और सेवा, गुरुजनों का सम्मान, दीन दुखियों का भरण पोषण, गौमाता और मूक जीव - जंतुओं का भरण पोषण है जो मनुष्य अपने जीवन को सही दिशा और दशा में परिवर्तन करना चाहता है उसे अपने मन में मानवता को धारण करना होगा और अहंकार, क्रोध, घृणा, द्वेष रूपी बुराई का सभी को त्याग करना होगा सच्ची मानवता यही है कि द्वार पर आई गोमाता, मूक पशु - पक्षी, भिक्षुक कभी भूखा न जाए अपने सामर्थ्य के अनुसार सभी की तृप्त करने का प्रयास करना चाहिए। सभी के प्रति मानवता रखना एक दूसरे का सहयोग करना जिससे जीवन में कभी किसी को कोई कष्ट नहीं आएगा। तत्पश्चात श्री गुर्जरखेड़ा सरकार पंडाजी घनश्याम लोहार के तन में पधारें और उपस्थित जनमानस को आशीर्वचन देते हुए कहा कि परस्पर एक दूसरे का सहयोग करना और धर्म के प्रति सच्ची श्रद्धा ओर निष्ठा रखना, धर्म से बड़ा इस सृष्टि में कोई नही है। धर्म के सम्मान से सृष्टि में सभी का कल्याण हो सकता है और हम सभी को एक दूसरे के प्रति सहयोग और सम्मान की भावना रखनी चाहिए। जिससे सभी में आत्मीयता का भाव जाग्रत होगा ततपश्चात सुसज्जित झांकी बग्घी में भगवान का वेवाण विराजमान किया और भक्तजनों के ढोल और बेंड के सुमधुर भजनों पर नृत्य और थिरकने के साथ मंदिर से शोभायात्रा रवाना हुई। शोभायात्रा मन्दिर से जावी - सरवानिया मुख्य मार्ग से होती हुई पाटीदार मोहल्ला, नीम चौक, कमल सरोवर मार्ग, विरावत - मनावत मोहल्ला चौक, चक्की चौक, श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर तिराहा, इमली चौक, खाती मोहल्ला, सदर बाजार एवं ग्राम के मुख्य मार्गो से भ्रमण करती हुई पुनः शोभायात्रा मंदिर पर पहुंची तत्पश्चात मंदिर के पुजारी राकेश लोहार ने बग्घी में विराजमान दोनों देव के वेवाण की आरती की और वेवाण को पुनः मंदिर में विराजित किया तत्पश्चात पुनः श्री गुर्जरखेड़ा सरकार पधारें और उपस्थित भक्तों को आशीर्वाद दिया ओर कहा कि इसी प्रकार धर्म की राह पर चलकर सत्संग और संकीर्तन करने से समाज के विचारों में एक नई ऊर्जा का संचार होता है जिससे संपूर्ण मनुष्य जाति धर्म ओर सत्य के राह पर चलकर अपने कर्तव्यों का सही रूप से निर्वहन कर सफलता के उच्च शिविर पर पहुंच सकती है। शोभायात्रा में पूरे समय माताएं, बहिनें, भक्तजन सुमधुर भजनों व ढोल की थाप पर थिरकते रहे। जन्मोत्सव में अतिथि के रूप में सांवरिया जी मन्दिर मंडफिया मुख्य पुजारी द्वारकादास वैष्णव सपरिवार सहित उपस्थित रहें और आपका मन्दिर के आयोजन एवं शोभायात्रा में पुरें समय सानिध्य प्राप्त हुआ। श्री गुर्जरखेड़ा धाम मन्दिर प्रबंध समिति एवं सेवादार समिति सदस्यों के साथ-साथ उपस्थित भक्तों का जन्मोत्सव को सफल बनाने में सराहनीय सहयोग रहा। उक्त जानकारी श्री गुर्जरखेड़ा धाम मंदिर प्रबंध समिति प्रवक्ता दिलीप पाटीदार जावी ने दी।