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रतनगढ मे भगवान श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर पर शिखर कलश व शिव परिवार स्थापना प्रसंग ने बनाया नगर को धर्ममय

Neemuchhulchal (रिपोर्टर निर्मल मूंदडा रतनगढ)✍️✍️ कलश यात्रा मे उमड़ा हजारो श्रृद्धालु महिला पुरुष भक्तो की आस्था का जनसैलाब व्यास पीठ पर विराजित रामस्नेही सम्पदाय के संत श्री दिग्विजय राम जी महाराज के मुखारबिंद से शुरु हुआ संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का रसपान श्री लक्ष्मीनारायण चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं मंदिर के व्यवस्थापक सत्यनारायण श्यामसुंदर,विकास कुमार मून्दडा निम्बाहेडा (रतनगढ) द्वारा रतनगढ मे श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर पर शिखर कलश व शिव परिवार स्थापना के साथ ही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा सहित विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन दिनांक 18 जनवरी से 25 जनवरी तक किया जाएगा।कलश यात्रा आयोजन मे उमड़ा धार्मिक आस्था का ज्वार रतनगढ के इतिहास मे एक मिसाल बन गई।इस दौरान माहेश्वरी समाज रतनगढ, माहेश्वरी समाज डिकैन,मंडोवरा परिवार,गणेशोत्सव मित्र मंडल,झंडा चौक मित्र मंडल,सोलंकी समाज,बोहरा समाज,वाल्मीकि समाज,नगर परिषद, आदि कई स्थानो पर नगर के इतिहास मे पहली बार निकली विशाल कलश यात्रा मे शामिल हजारो भक्तो का पेयजल, पुष्पवर्षा,शीतल पेय व फलफ्रूट आदि से स्वागत किया गया।एवं कलश मे रथ पर विराजित संतश्री, तुलसी महारानी व भगवान लक्ष्मीनारायण की पूजा अर्चना कर आशिर्वाद लिया। इस अवसर पर जहां मंदिर परिसर मे आकर्षक विद्युत साज सज्जा एवं गुलाब व मोगरे के फूलो से मनोहारी श्रृंगार किया गया है।वही नगर के सभी मंदिरों पर भी आकर्षक रोशनी से सजावट की गई है।विशाल कलश यात्रा नृरसिंह मंदिर नदी दरवाजा परिसर से प्रारम्भ हुई।जिसमे उज्जैन से आई स्पेशल ढोल-ताशा पार्टी, शेषनाग के साथ भोलेनाथ, अगौरी,नंदी व हनुमान जी व वानर सैना के स्वांग धारियो का शानदार प्रदर्शन देखने हजारो श्रद्धालु भक्तो की आस्था का जन सैलाब उमड पड़ा। साथ ही स्पेशल ढोल पार्टी, बैंड पार्टी, बग्गी मे विराजित तुलसी महारानी की प्रतिकृति एवं आकर्षक रथ मे महाराज रमताराम जी व कथा वाचक संत श्री दिग्विजय राम जी विराजित होकर श्रृद्धालु भक्तो को आशीर्वाद देते चल रहे थे।उसके पीछे चाँदी के आकर्षक रथ मे विराजित भगवान की आदम कद मनोहारी प्रतिमा के दर्शन, हेलिकॉप्टर (ड्रोन) द्वारा विडियो शुटिंग आदी सभी के मुख्य आकर्षण का केन्द्र बिंदु रहेे।कलश यात्रा मे एक जैसी लाल- पीली चुन्दड़ की साड़ीयो मे 1100 से भी अधिक कलश धारी महिलाए व युवतिया शामिल हुई।वही श्वेत परिधानो मे सिर पर एक जैसा साफा एवं चुंदड का दुपट्टा गले मे डाले सुमधुर भजनो पर नाचते गाते युवाओ द्वारा जयकारे लगाते विशाल कलश यात्रा नृसिंह भगवान मंदिर से प्रारम्भ हुई। जो लक्ष्मीनारायण मंदिर से होते हुए नगर के सभी प्रमुख मार्गो झंडा चौक, सदर बाजार,श्री गोवर्धन नाथ मंदिर मार्ग, सोलंकी मोहल्ला, जाट रोड, बस स्टैंड, सब्जी मंडी चौराहा, राधा कृष्ण मंदिर, मोती बावजी चौराहा, दैवनारायण मंदिर मार्ग से होते हुए कथा स्थल घाणावार तैलियो की बावडी पर पहुंच कर समाप्त हुई।जहां आरती के पश्चात संत श्री दिग्विजय राम जी महाराज के मुखार विंद से संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा प्रारम्भ हुई।जहां आयोजक मूंदड़ा परिवार ने संतो की आगवानी की।संत श्री ने व्यास पीठ से प्रथम दिवस अपने उद्बोधन मे श्रीमद्भागवत कथा का महात्म बताते हुए कहा कि भागवत कथा के श्रृवण मात्र से इस लोक के साथ साथ परलोक भी सुधर जाता है।

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