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यह कोई इलेक्ट्रिक या रेलवे का ट्रैक नहीं है क्या एक एनाकोंडा के नाम से जानी जाती है

Neemuchhulchal (रिपोर्टर अनिल कुमार बैरागी)✍️ यह कोई इलेक्ट्रिक या रेलवे का ट्रैक नहीं है क्या एक एनाकोंडा के नाम से जानी जाती है यह विक्रम सीमेंट का वह बेल्ट है जो माइंस से सीमेंट प्लांट तक पत्थर ले जाता धीरे-धीरे लोगों की जिंदगी नहीं पूरे गांव के गांव निकल रही है प्रदूषण तो सबसे पहले है पर अब गांव के गांव खाना चालू करके इसकी बदौलत एब्नाेदा डैम का पानी जो किसी जमाने में भरपूर हो जाता था अब कभी नहीं हो क्योंकि उसे लाखों वर्ग फीट में विश्वास खड़ा और जावेद के बीच दोनों तरफ मिले से खोज दिए जो सैकड़ो फीट गहरी है इससे ज्यादा क्षेत्र में पेयजल संकट का और कृषि जल संकट का आना है किसी जमाने में पशुपालकों को पूर्व वर्ष पर पानी मिलता था जावेद के आसपास क्षेत्र में नदी नालों में मवेशियों को पानी पिलाने की सुविधा थी अब वह सारे दम तोड़ चुके हैं यह सब विक्रम सीमेंट की मेहरबानी है समय रहते अगर जनता नहीं जाएगी तो यह जावत की तहसील है के नाम से वीरान हो जाएगा और जनता धीरे-धीरे कल के काल में समाप्ति जा रही है पूरी इलाज और वह दीजिए गांव नाम मात्र के दिखाए हैं जनता के साथ बहुत बड़ा छलावा है जिसमें राजनीति करने वाले लोग शामिल है आए दिन किसी भी बात को लेकर उठा पटक धमाल करते रहते हैं और कुछ अपनी जीएफ गर्म करके निकल जाते हैं चाहे वह एक्सीडेंट हादसा हो किसी की मौत हो हर हर कार्य में राजनीति होती पर जनहित में बचाओ अभियान चालू होने वाला है इसमें आम जनता का सहयोग किया से इसे चलाया जाएगा जिस प्रकार पश्चिम बंगाल में टाटा नैनो का जो प्लांट लगा था नंदीग्राम में और वहां आंदोलन हुआ था वह सही आंदोलन अब समय रहते जो तहसील से शुरू होने वाला है ऐसा जनता की राय सोमारी और अलग-अलग अपने विचारों से महसूस होने लगा है जनता जागना चाहिए जीवन के साथ गांव और संस्कृति बचाने के लिए संघर्ष जावा क्षेत्र की जनता के लिए धीरे-धीरे तैयार हो रही है

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