(हृदय फेफड़ों के पुर्नजीवन प्रक्रिया) (डॉक्टर हरनारायण गुप्ता) 9425106364 सीपीआर क्या है--- सीपीआर एक आपातकालीन स्थिति में प्रयोग की जाने वाली प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति की धड़कन या सांस रुक जाने पर प्रयोग की जाती है सीपीआर में बेहोश व्यक्ति को सांसे नहीं दी जाती है उसे फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलती है और सांस वापस आने तक या दिल की धड़कन सामान्य होने तक छाती को दबाया जाता है जिससे शरीर में पहले से मौजूद ऑक्सीजन वाला खून संचालित होता रहता है। बेहोश होने के क्या कारण होते हैं--- हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट, डूबना, सांस घुटना और करंट लगना जैसी स्थितियों में सीपीआर की आवश्यकता हो सकती है। (कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर) अगर व्यक्ति की सांस या धड़कन रुक गई है तो जल्द से जल्द उसे सी प्यार दे क्योंकि पर्याप्त ऑक्सीजन के बिना शरीर की कोशिकाएं बहुत जल्द खत्म होने लगती है मस्तिष्क की कोशिकाएं कुछ ही मिनटों में खत्म होने लगती है जिससे गंभीर नुकसान या मौत भी हो सकती है। सीपीआर कब देना चाहिए---- 1.अचानक गिर जाना व्यक्ति के अचानक गिर जाने पर उसकी सांस और नब्ज देखें 2. बेहोश होने पर व्यक्ति को होश में लाने की कोशिश करें और अगर वह होश में ना आए तो उसकी सांस और नब्ज देखें। 3. सांस रुक जाने या अनियमित सांस लेने की स्थिति में सीपीआर देने की आवश्यकता होती है। 4. अगर व्यक्ति की नब्ज नहीं मिल रही है तो हो सकता है उसके दिल ने काम करना बंद कर दिया हो ऐसे में व्यक्ति को सीपीआर देने की आवश्यकता हो सकती है। 5. करंट लगने पर अगर किसी व्यक्ति को करंट लगा है तो उसे छुए नहीं लकड़ी की मदद से उसके आसपास से करंट के स्त्रोत को हटाए और इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी वस्तु में करंट पास ना हो सके। 6. डूबना ड्रग्स दुबे के संपर्क में आना इन स्थितियों में व्यक्ति की नब्ज व सांस की जांच करें उसे सीपीआर की आवश्यकता हो सकती है। सीपीआर देने सर पहले करें जांच...... 1. क्या आसपास का वातावरण व्यक्ति के लिए सुरक्षित है? 2. व्यक्ति होश में है या बेहोश है? 3. अगर व्यक्ति बेहोश है तो उसको कंधे को हिला कर ऊंची आवाज में पूछे कि क्या वह ठीक है। सीपीआर कैसे देते हैं----- सीपीआर में व्यक्ति की छाती को दबाना और उसे मुंह से सांस देना शामिल होते हैं बच्चों और बड़ों को सीपीआर देने का तरीका थोड़ा अलग होता है जिसके बारे में नीचे बताया गया है। बच्चों को सीपीआर कैसे देते हैं------ 1 साल से लेकर किशोरावस्था तक के बच्चों को सीपीआर उसी तरह दिया जाता है जैसे बड़ों को दिया जाता है हालांकि 4 महीने से लेकर 1 साल तक के बच्चों को सीपीआर देने का तरीका थोड़ा अलग होता है। ज्यादातर नवजात शिशुओं को कार्डियक अरे होने का कारण होता है डूबना या दम घुटना अगर आपको पता है कि बच्चे की श्वसन नली में रुकावट के कारण वह सांस नहीं ले पा रहा है। तो दम घुटने के लिए किए जाने वाले फर्स्ट एड का उपयोग करें अगर आपको नहीं पता है कि बच्चा सांस क्यों नहीं ले रहा है तो उसे सीपीआर दें। 1. शिशु की स्थिति को समझे और उसे छूकर उसकी प्रक्रिया देखें लेकिन बच्चे को तेजी से खिलाए नहीं। 2. अगर बच्चा कोई प्रक्रिया नहीं दे रहा है तो सीपीआर शुरू करें 3. बच्चे के पास घुटनों के बल बैठे 4. नवजात शिशु को सीपीआर देने के लिए अपनी दो उंगलियों का इस्तेमाल करें और उसकी छाती को 30 बार दबाए। 5. उसे दो बार मुंह से सांस दे। ((बड़ों को सीपीआर देने का तरीका)) छाती दबाना 1.लगती को एक समतल जगह पर पीठ के बल लिटा दे। 2.व्यक्ति के कंधों के पास घुटनों के बल बैठ जाए। 3.अपनी एक हाथ की हथेली को व्यक्ति की छाती के बीच रखें। दूसरे हाथ की हथेली पहले हाथ की हथेली के ऊपर रखें। अपनी कहानी को सीधा रखें और कंधों को व्यक्ति कि छाती के ऊपर सिधाई में रखें। 4.अपने ऊपर के शरीर के वजन का इस्तेमाल करते हुए व्यक्ति की छाती को कम से कम 2 इंच 5 सेंटीमीटर और ज्यादा से ज्यादा 2 पॉइंट 5 इंच 6 सेंटीमीटर एक दबाएं और छोड़े 1 मिनट में 100 से 120 बाईसा करें। 5.अगर आपको सीबीआर देना नहीं आता है तो व्यक्ति के हिलने डुलने तक या मदद आने तक उसकी छाती दबाते रहे। 6.अगर आपको सीपीआर देना आता है और आपने 30 बार व्यक्ति की छाती को दवा है तो उसको थोड़ा उठाए जिससे उसका सिर पीछे की और झुकेगा और उसकी श्वसन नली खुलेगी। (सांस देना)- * घायल व्यक्ति को साथ देने के 2 तरीके होते हैं मुंह से मुंह में सांस देना और मुंह से नाक में सांस लेना अगर व्यक्ति का मुंह बुरी तरह से घायल है और खुल नहीं सकता तो उसे नाक में सांस दिया जाता है। * व्यक्ति की थोड़ी ऊपर उठाएं और मुंह से सांस लेने से पहले व्यक्ति की नाक को बंद करें। * पहले एक सेकेंड के लिए व्यक्ति को साथ दें और देखें कि क्या उसकी छाती अगर उठ रही है तो दूसरी दें अगर नहीं उठा रही है तो फिर से व्यक्ति की थोड़ी ऊपर उठाएं और सांस दें व्यक्ति को बहुत अधिक या बहुत जोड़ से सांस नहीं दें।