गरोठ। गरोठ के ग्राम ढाकनी में चल जा रही भव्य कथा के चौथे दिन का माहौल भी बीते दिनों की तरह ही भक्तिमय रहा प.पू. स्वामी उत्तम स्वामी जी महाराज ने बताया कि प्रभु को पाना है तो तो मीरा की तरह भाव विभोर होकर भजना होगा तभी प्रभु की प्राप्ति होती है स्वामी जी कहा कि शिकायत करने बहुत आसान है लेकिन स्वीकार करना कठिन है साथ ही स्वामज जी कहा कि पूरे जीवन मानव को प्रभु की भक्ति के प्रति पूर्ण समर्पित होना चाहिए ना कि अंत समय मे वही स्वामी जी ने उदाहरण देती हुए कहा कि यदि राजनेता अपने राजधर्म का पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ पालन करे तो चुनाव के अंत समय मे इतनी मेहनत न करनी पड़े स्वामी जी ने जीवन और पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिस प्रकार कपड़ो ने शरीर को ढक रहा है उसी तरह आत्मा को भी शरीर ने ढक रखा है इसलिए कपड़ो को चमकाने के बजाय मनुष्य को अपनी आत्मा को चमकाने का सदैव प्रयास करते रहना चाहिए स्वामी जी ने कहा कि पहले के जमाने मे शादियां परिवार और वर या वधू के संस्कार देख कर की जाती थी लेकिन आज के समय मे दोनों पक्षो के पद देख कर की जाती है इस प्रकार से स्वामी जी ने कई प्रकार को भक्तो को सनातन व धर्म के मार्ग पर चलने के रास्ते बताए कथा में प्रतिदिन की तरह आज भी कई श्रोता व गुरुभक्त मंडल के सेवक बड़ी दूर दूर से कथा में उपस्थित हुए कथा में तपन भौमिक, कथा के मुख्य यजमान नारायण सिंह सिसोदिया, कथा संयोजक अंशुल बैरागी,राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग कार्यवाह रमेशचंद्र धाकड़, चैन राम जैन,हेमंत बुलचंदानी, बॉबी यादव,मुकेश यादव,मंदसौर जनपद अध्यक्ष बसंत शर्मा,राजेन्द्र सिंह शक्तावत,महेंद्र सिंह की उपाध्यक्ष उज्जैन,गोपाल सिंह अमरपुरा,राधेश्याम बैरागी,महेश चौधरी, संजय चौधरी रतलाम,संजय नागर नासिक,कमल सोनी गोपाल सोनी डग,ईश्वर बैरागी,प्रकाश बैरागी शाजापुर उपस्थित रहे।।