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मां ज्वालाधाम शक्तिपीठ उचेहरा में विशाल भंडारे के साथ श्रीरामनाम संकीर्तन का हुआ समापन

Neemuchhulchal (रिपोर्टर हुकुम सिंह)✍️✍️ नौरोजाबाद रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर दूरी पर ग्राम पंचायत उचेहरा में स्थित विख्यात मां ज्वाला धाम शक्तिपीठ उचेहरा मंदिर में एक जनवरी से शूरू श्रीरामनाम संकीर्तन का आज विशेष, पूजन, हवन , विशाल भंडारे के साथ समापन किया गया। मां ज्वालाधाम शक्तिपीठ उचेहरा के संस्थापक/ प्रधान पुजारी जी ने बताया कि मां ज्वाला जी का प्राकट्योत्सव एक जनवरी को पूरे विधि विधान से मनाया जाता है जिसमे देश के कोने कोने से लाखों भक्त मां के दरबार में आकार कई सनातनी अध्यात्मिक कार्यक्रम उत्सव मनाते हैं उसी दिन से अनवरत श्रीरामनाम संकीर्तन शुरू हो जाता है जो कि अनवरत रात दिन एक माह तक चलता है श्रीरामनाम संकीर्तन गाने वाले संतों की बात भी अनोखी है उनके गाने की लय मनमोहनी है और वे कोई कांशी बनारस से तो कोई अयोध्या से कोई नेपाल से तो कोई वृंदावन से ऐसे महान धामों से बीस पच्चीस संतो की टोली हर वर्ष मां ज्वाला धाम आती है और महीने भर रुककर उनके द्वारा श्रीरामनाम संकीर्तन किया जाता है जो कि हर वर्ष माह जनवरी में एक माह के लिए आकार पूरे क्षेत्र में श्रीरामनाम संकीर्तन से शुद्ध वातावरण में रामनाम मय वाणी को आक्छादित करते हैंपूरे महीने कन्या पूजन भोज के साथ भंडारा प्रसाद वितरण किया जाता है आज विशाल भंडारे में भक्तो को बैठाकर खीर पूड़ी चावल दाल सब्जी सलाद स्वादिष्ट भोजन प्रसाद स्वरूप कराया जा रहा है।महराज जी ने बताया कि मां के दरबार में रामनाम रूपी शब्द से आत्मा तृप्त हो जाती है और अपने जीवन को भय, भारमुक्त, होने के लिए निरंतर भगवान स्वरूप देवी देवताओं का स्मरण करना ही चाहिए।आज पूरे विश्व में श्रीराम का जयघोष हो रहा है लोगों को बोलने की परिभाषा भी अलग तरह की दिखाई व सुनाई दे रही है जो लोग पहले गुड मॉर्निंग जैसे अंग्रेजी सूचक शब्द का उपयोग करते थे आज उनके मुख में जय श्री राम, सीताराम, रामराम, जैसे सूचक शब्द निकलते हैं और मन को रामनाम रूपी शब्द से आनंदित करते हैं लोग राममय में रंगे हुए हैं।, सारा विश्व इस समय राम नाम से अलंकृत, सुशोभित हो रहा है। हम आपको बता दें कि मां ज्वाला जी के दरबार में हमेशा सनातानी आध्यत्मिक कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं जिससे भक्तो का भाव मां के प्रति जुड़ा रहता है भक्तो का आना जाना बना रहता है मां के दरबार की एक और विशेषता है कि जो भी भक्त जैसे मां के दरबार में एंट्री लेता है वैसे उसके मन के बीच पनप रही परेशानी चिंता दूर हो जाती है और मन आनंदित हो जाता है।

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