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धरतीन माता मंदिर में शिव महापुराण कथा को श्रवण करने भक्तो का लगता है तांता

Neemuchhulchal ✍️✍️ (रिपोर्टर हुकुम सिंह) मां ज्वालाधाम शक्तिपीठ उचेहरा के संस्थापक/प्रधान पुजारी जी कथा में हुए सम्मलित ज्ञान, वैराग्य और भक्ति से मिलती है मानव को मुक्ति शिव महापुराण उमरिया जिले अन्तर्गत नौरोजाबाद रेल्वे स्टेशन से महज दो किलोमीटर दूर स्थित प्राचीन कल्चुरी प्रतिमा के रुप में मां बिरासिनी धाम निपनिया (सेमरहा टोला) में इन दिनों शिव महापुराण की अति मार्मिक कथा से श्रोताओं को ज्ञान रूपी गंगा में डुबकी लगाने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। व्यास गद्दी पर विराजमान कथावाचक पं. कुलदीप शास्त्री जी श्रीधाम वृन्दावन से आज दशम दिवस की कथा ज्ञान, वैराग्य और भक्ति की कथा सुनाई गई। वैराग्य मनुष्य का वह गुण है जिसके द्वारा वह सभी चीजों का बिना जुनून के देखता है भागवत में तीनो एक समृद्ध मिश्रण है भक्ति को ज्ञान और वैराग्य के साथ भागवत की कथा सुनने को कहा गया है भागवत को जो बड़े ध्यान से सुनते हैं और आचार्यजनक रुप से ज्ञान और वैराग्य युवावस्था में पुर्नजीवित हो जाते है कलयुग में ज्ञान और वैराग्य पर भक्ति की श्रेष्ठता स्थापित करती है आज़ की कथा में कथावाचक जी द्वारा श्रीराम भक्त हनुमान की कथा सुनाई कि हनुमान जी इतने बालिशाली, बुद्धि, ज्ञान से परिपूर्ण होते हुए भी भगवान श्री राम के चरणों के दास बने। और सुग्रीव जी से मित्रता करा दी। व्यास गद्दी से आज मां बिरासिनी मंदिर को श्रेष्ठता और उद्गार से परिपूर्ण जिसकी पावन धरा पर नित्य आरती पूजा पाठ यज्ञ हवन चलता हो यह मां का पावन दरबार है और यह मां बिरासिनी धाम है मां के दरबार में जितने भी सेवक हैं सबके सेवा भाव अपार है आज़ मां ज्वालाधाम शक्तिपीठ उचेहरा के संस्थापक प्रधान पुजारी जी का आगमन हुआ। मां के परम् भक्त बड़े महराज जी ने व्यास पीठ की पूजा कर व्यास गद्दी पर विराजमान कथावाचाक जी को माल्यार्पण कर मां की चुनरी श्रीफल से स्वागत किया। उसी प्रकार व्यासपीठ से महराज जी को भी शाल श्रीफल से उनका आदर भाव किया गया। और प्रेम भाव से पूरी कथा श्रवण कर आरती में शामिल हुए।

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