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सुर्यपुत्र शनि देव जन्मोत्सव हर्षउल्लास से मनाया, 251 गांवो की प्रभात फेरी व हुआ विशाल भण्डारा !

सिंगोली :- शनि देव की जयंती गुरुवार को धूमधाम से मनाई गई। नगर के शनि मंदिरों में सुबह से ही साढ़े साती और ढ़ैया के निवारण के अनुष्ठान चलते रहे। वहीं भक्ति भावना से ओतप्रोत होकर 251 गांवो के श्रृद्धालुओं ने भक्ति भाव भजनों के साथ प्रभातफेरी का आयोजन किया जो शनि मंदिर से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई पुनः शनि मंदिर पहुंची। शास्त्रों में ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को शनि महाराज की जयंती होने के कारण समूचा हिंदू समाज शनि देव को पूजने के लिए उनके मंदिरों में उमड़ पड़ा।ब्राह्मणी नदी किनारे स्थित शनि मंदिर में तो सुबह ब्रहममुहूर्त से ही शनि प्रतिमा के अभिषेक का सिलसिला देखा गया। जिसमें पीले वस्त्र धारण कर श्रृद्धालु अपने सांसारिक कष्टों से निवारण के लिए शनि महाराज की प्रतिमा को तेल चढ़ाया ,सुबह में बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी माताओं बहनों की भजन मण्डल टोलियाँ मंदिरों में पहुचने लगी जिससे दिनभर शनि मंदिर में भजन कीर्तन संचालित रहा। सुबह 7 बजे से रात्री 9 बजे तक 18 घण्टे तेल से अभिषेक हुआ। सुबह 10 बजे 9 कुण्डीय यज्ञ हवन पूजन के साथ शनिदेव महाराज की महाआरती हुई और दोपहर 12 :15 से देर शाम तक विशाल भंडारा आयोजित हुआ जिसमें सभी सनातन धर्म प्रेमियों ने प्रसाद ग्रहण किया। रात्री 8 बजे शनि कथा के साथ भक्ति भजन संगीत का आयोजन हुआ जो देर रात तक चला शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन अगर आप व्रत रखते हैं तो अति लाभकारी माना जाता है और आप शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। मान्यता है कि ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि देव का जन्म हुआ था। इसलिए ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन दान का भी अधिक महत्व है। वही सिंगोली तिलस्वा रोड़ स्थित शनि मंदिर पर भी शनिदेव की विशेष पूजा भक्तों के द्वारा की गई और मनोवांक्षित मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना की गई।

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