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लापरवाही पर गिरी गाज, 6 महीने में पीएमएमवीवाई में एक को भी नहीं दिया लाभ, 6 कार्यकर्ता एपीओ, एलएस, सीडीपीओ को कारण बताओं नोटिस

प्रतापगढ़। सरकार की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में लाभार्थियों को योजना के लाभ से वंचित रखना आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भारी पड़ गया। विभाग के उपनिदेशक डाॅ. जीवराज मीणा ने मंगलवार को इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए 6 कार्यकर्ताओं को एपीओ कर दिया। जबकि माॅनीटरिंग के लिए जिम्मेदार सुपरवाइजर और सीडीपीओ को इस संबंध में कारण स्पष्ट करने के आदेश दिए है। उपनिदेशक डाॅ जीवराज ने बताया कि समीक्षा के दौरान जिले के 9 आंगनवाड़ी केंद्र पर पिछले 6 माह से एक भी लाभार्थी को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना(1.0, 2.0) में रजिस्टर्ड नहीं किया गया। जिससे प्रथम एवं द्वितीय संतान होने पर गर्भवती माताओं को इससे मिलने वाले लाभ से वंचित होना पड़ा। जबकि यह योजना सरकार की अत्यन्त महत्वपूर्ण योजना है। डाॅ मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि 5 आंगनवाड़ी केंद्र पर कार्यकर्ता नियुक्त थी। जबकि 4 केंद्र पर कार्यकर्ता नहीं होने से इसका चार्ज अन्य को दिया गया था। किंतु इन सभी केंद्रों पर प्रधानमंत्री मातत्वृ एवं मातृ वंदना योजना 1.0, एवं 2.0 दोनों योजनाओं में पिछले 6 महीने से एक भी गर्भवती माता को रजिस्टर्ड नहीं किय गया। इससे कई माताओं को उनके अधिकार से वंचित रहना पड़ा। इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए 6 कार्यकर्ता को जिला मुख्यालय के लिए एपीओ कर दिया गया। वहीं इन केंद्रों की माॅनीटरिंग का जिम्मा देखने वाले लेडी सुपरवाइजर और सीडीपीओ को इसका तथ्यात्मक कारण बताने के लिए निर्देेश दिए है। इनकी रिपोर्ट खराब छोटी सादड़ी खण्ड अंतगर्त बुरामिनी आंगनवाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता ग्यारसी मीणा, मलावदा कार्यकर्ता सूरजा मीणा, कच्ची बस्ती वार्ड संख्या 8 से शीला राठौड़, रावण मगरी से राधा मेनारिया, उ खलैल चिकलाड़ सुशीला मीणा को एपीओ किया गया। अगर रजिस्टर्ड हुई होती तो यह मिलता लाभ प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना 2.0 के तहत प्रथम बच्चे के जन्म पर (लड़का या लड़की दोनों) के जन्म पर नियमों के अनुसार दो किश्तों में 5000 की आर्थिक सहायता मिलती है। जबकि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 2.0 पर दूसरे बच्चे (केवल लड़की) होने पर 6000 रूप्ए की सहायता मिलती है। वर्जन...... आदिबाहुल्य क्षेत्र में आमजन को सरकार की योजनाओं से वंचित रखना घोर लापरवाही है, मैं इसको किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करूंगा। कार्यवाही आगे चलती रहेगी। डाॅ जीवराज मीणा, उपनिदेशक महिला बाल विकास विभाग

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