मनासा। श्रीमान् सक्षम नरूला, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, मनासा के द्वारा न्यायालय का आदेश नहीं मानकर सुपुर्दगी पर सौपी गई गाय को न्यायालय में प्रस्तुत न कर अमानत में खयानत करने वाले आरोपी अनिल पिता लालाराम गायरी, उम्र-36 वर्ष, निवासी-ग्राम घोटा पिपल्या, मनासा, जिला-नीमच को धारा 406 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 06 माह के सश्रम कारावास व 500रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाली एडीपीओं श्री रमेश नावड़े द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि डिक्रीदार जगदीशचंद्र ने आरोपी अनिल गायरी के विरूद्ध 5856रू. की वसूली के लिये प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-02, मनासा के न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया था, जिसमें आरोपी के विरूद्ध वसुली का कुर्की वारंट जारी होकर आरोपी से एक लाल रंग की गाय को कुर्क की जाकर इस शर्त पर उसको सुपुर्दगी पर दी गई थी, कि जब भी न्यायालय उक्त संपत्ति (गाय) तलब करेगा वह उसे न्यायालय के समक्ष पेश करेगा, किन्तु न्यायालय द्वारा नोटिस दिये जाने के बावजूद भी आरोपी द्वारा गाय को न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया। इस प्रकार आरोपी द्वारा न्यायालय के आदेश का पालन नहीं माने जाने के कारण उसके विरूद्ध थाना कुकड़ेश्वर में अपराध क्रमांक 319/15 धारा 406 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन की ओर से न्यायालय में सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर आरोपी के विरूद्ध न्यायालय का आदेश न मानकर अमानत में खयानत किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराकर उसे कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री रमेश नावड़े, एडीपीओ द्वारा की गई। नोट - कृपया पैरवीकर्ता अधिकारी का नाम अवश्य प्रकाशित करें।