भोपाल:- दलहन और तिलहन के बाद अब मध्य प्रदेश मसाला फसलों में देश का शीर्ष उत्पादक बन गया है। वर्ष 2023-24 में राज्य के किसानों ने रिकॉर्ड आठ लाख 32 हजार 419 हेक्टेयर में मसाला फसल की खेती की और 54 लाख टन से अधिक का उत्पादन किया, जो एक रिकॉर्ड है. पिछले चार वर्षों में मसाला फसलों का उत्पादन 2 लाख 16 हजार टन बढ़ गया है। मिर्च उत्पादन में राज्य दूसरे स्थान पर है। "#मध्यप्रदेश के किसानों ने मसाला फसलों के उत्पादन में नया कीर्तिमान स्थापित किया। 2023-24 में 54 लाख टन से अधिक मसालों का रिकॉर्ड उत्पादन राज्य के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। किसानों को हार्दिक बधाई" ! 54 लाख टन से अधिक का उत्पादन भोपाल:- दलहन और तिलहन के बाद अब मध्य प्रदेश मसाला फसलों में देश का शीर्ष उत्पादक बन गया है। वर्ष 2023-24 में राज्य के किसानों ने रिकॉर्ड आठ लाख 32 हजार 419 हेक्टेयर में मसाला फसल की खेती की और 54 लाख टन से अधिक का उत्पादन किया, जो एक रिकॉर्ड है. पिछले चार वर्षों में मसाला फसलों का उत्पादन 2 लाख 16 हजार टन बढ़ गया है। मिर्च उत्पादन में राज्य दूसरे स्थान पर है। "#मध्यप्रदेश के किसानों ने मसाला फसलों के उत्पादन में नया कीर्तिमान स्थापित किया। 2023-24 में 54 लाख टन से अधिक मसालों का रिकॉर्ड उत्पादन राज्य के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। किसानों को हार्दिक बधाई" ! राज्य में किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए उद्यानिकी फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। हल्दी, लहसुन, हरी और लाल मिर्च, अदरक, धनिया, मेथी, जीरा और सौंफ जैसी फसलों की बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए किसानों ने भी पारंपरिक फसलों की जगह मसाला फसलों को अपनाना शुरू कर दिया है। इसका परिणाम यह हुआ कि वर्ष 2021-22 में आठ लाख 23 हजार 918 हेक्टेयर में मसाला फसलें लगाई गईं, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर आठ लाख 82 हजार 419 हेक्टेयर हो गई हैं। वर्ष 2021-22 में कुल उत्पादन 46 लाख 74 हजार 807 टन था जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 54 लाख 167 टन हो गया है. ! हरी मिर्च की बंपर पैदावार:- हरी मिर्च के उत्पादन में मध्य प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। वर्ष 2020-21 में मिर्च के उत्पादन पर नजर डालें तो यह आठ लाख एक हजार 971 टन था. वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 10 लाख 17 हजार 874 टन हो गया है, जो राज्य के कुल मसाला उत्पादन का लगभग 16 प्रतिशत है. उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने किसानों को मसाला फसलों के साथ-साथ उद्यानिकी एवं फ्लोरीकल्चर (फूलों की खेती) अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में भी किसानों को राज्य और केंद्र सरकार से अनुदान और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं. इसके अलावा सरकारी नर्सरियों से भी अच्छी गुणवत्ता के बीज और पौधे उपलब्ध कराये जा रहे हैं।