नीमच जिले के सिंगोली तहसील क्षेत्र के रतनगढ़ से मात्र 4 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम देहपूर में गांव के नजदीक ही किसानो के बाड़ो में बंधे हुए गाय व भेंसो व इनके बछड़ो पर हिंसक वन्य जीव तेंदूए ने हमला कर दिया।जिससे गाय व भेंस सहित इनके बछड़ो की मौत हो गई। सबसे विशेष बात यह है कि पिछले 6-7 दिनों में उक्त जंगली जानवर संभवत तेंदुए के द्वारा दो-तीन बार हमला किया जा चुका है।अचानक इस प्रकार की घटना होने के कारण ग्रामीणों मे भय एवं दहशत का वातावरण व्याप्त है। ग्रामीणों के अनुसार सुबह एवं देर शाम हम अपनी गाय भैंसों को रजका, चारा डालने एवं दूध निकालने के लिए बाड़ो में जाते हैं। लेकिन इस प्रकार से तेंदुए के हमले के कारण डर एवं दहशत का वातावरण बना हुआ है।कि कही वह हमारे ऊपर भी हमला न कर दे। विस्तृत जानकारी के अनुसार नानालाल चारण, हेमराज गुर्जर आदि ग्रामीणो से प्राप्त के अनुसार तेंदुए के हमले से पीड़ित पशुपालकों
में ग्राम के रामलाल पिता बाबूलाल गुर्जर के गाय का बछड़ा,
बाबूलाल पिता रतीराम गुर्जर के भेंस का बछड़ा,जीतमल पिता भोलाराम गुर्जर के गाय,रमेश पिता गंगाराम गुर्जर के गाय,हेमराज पिता भेरुलाल गुर्जर के भेंस,हीरालाल पिता चुन्नीलाल चारण के भेंस आदि मवेशी पिछले 6-7 दिनों में जंगली जानवर के शिकार हुए हैं। जिससे इनकी मौत हो गई।पिड़ित ग्रामीणो ने बताया की हमेशा की तरह सभी मवेशियों को हम शाम को बाड़े में बांधकर रखते है। दूसरे मवेशी वन्य जीव तेंदूए के डर से रस्सी तुड़ाकर बाड़े से बाहर भाग गए थे।जिस प्रकार से गाय भैंस एवं उनके बछड़े बूरी तरह से लहुलुहान होकर मरे हुए पड़े थे।वह तेंदुए के हमले के लक्षण दिखाई दे रहे है।घटना की जानकारी हमने तुरंत जिला कलेक्टर महोदय नीमच,जिला मंडलाधिकारी नीमच सहित रतनगढ वन विभाग के आला अधिकारियों को दी।जिस पर घटना कि सूचना मिलते ही वन विभाग के कर्मचारी गण मदनलाल धनगर एवं जुल्फिकार आदि चौकीदार सहित वन कर्मीयो का दल घटना स्थल पर पहुंचा।एवं निरिक्षण कर घटना स्थल का पंचनामा बनाया गया।
इनका कहना है।-
भीषण गर्मी के चलते भूख एवं प्यास के चलते जंगली जानवर शिकार एवं पानी की तलाश में गांवो मे पहुंच जाते है।और पालतू पशुओं के ऊपर हमला कर देते है।कभी कभी इनकी चपैट मे इंसान भी आ जाते है।एसे में सभी ग्रामीणो को होशियार और सजग रहने की आवश्यकता है।रात्रि में अपने मवैशियो को खूला नही छोड़े और सुरक्षित स्थानो पर बांध कर रखे।और ग्रामीण शाम को और रात्रि के समय अधिक सावधानी बरते।हमने पिड़ित ग्रामीण से आवेदन ले लिया है।शिघ्र ही जांच कर लोक सेवा केंद्र में आवेदन दिलवाकर वन विभाग की गाईड लाईन के अनुसार मुआवजा दिलवाया जाएगा।
- पी.एल. गहलोत रेंज अधिकारी रतनगढ