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जश्ने ईद मिलादुन्नबी पर अकीदत व एहतराम से निकला जुलूस, बच्चों ने दिया अमन चैन का पैगाम !

सिंगोली:- नगर में हजरत मुहम्मद साहब का जन्मदिन जश्ने ईद मिलादुन्नबी का त्योहार शुक्रवार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। ईद मिलादुन्नबी के मुकद्दस मौके पर क्षेत्र के मुस्लिम समाजजनो ने अपने पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब का 1500 सालाना यौमे पैदाइश पर जुलूस निकाला । जुलूस में सांवरिया अनिल बैण्ड, डी.जे. ,नाचने वाले घोड़े, फुलो की वर्षा के लिए तोप,आतिशबाजी करते हुऐ निकाला। सैकड़ों की संख्या में जुलूस में शामिल लोग इस्लामी झंडो को हाथ में लेकर 'सरकार की आमद मरहबा' के नारे लगाते चल रहे थे। वार्ड नम्बर एक मदरसा के पास स्थित दरगाह से ईद मिलादुन्नबी का जुलूस प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर जुलूस के माध्यम से बच्चों ने समाज को अमन- चैन का पैगाम दिया। इसी बीच युवाओं ने जगह- जगह रुक कर मोहम्मद साहब के यौमे पैदाइश के नारे लगाए व आतिशबाजी की। जुलूस पेट्रोल पम्प ,नया बस स्टैंड, तिलस्वा चौराहा,महाराणा प्रताप सर्कल,बापू बजार होते हुए वार्ड 10 जामा मस्जिद पर पहुंचा। जुलूस के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए थाना प्रभारी बीएल भाबर के नेतृत्व में पुलिस जवानो को आवश्यक दिशा निर्देश देकर चाक चौबंद व्यवस्था देखी गई।

मोहम्मद साहब के जन्मदिवस के मौके पर लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर बधाइयां भी दीं।इस दौरान लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला, छोटे छोटे बच्चे भी बड़े ही उत्साह के साथ हाथों में झंडे लिए जुलूस में चल रहे थे। जुलूस के दौरान जगह जगह बच्चों को नमकीन ,बिस्किट,पानी, शरबत और मिठाई तबर्रुक का वितरण किया गया। जुलूस जमा मस्जिद में पहुंचकर एक धार्मिक कार्यक्रम में तब्दील हुआ खान पर मदरसे के बच्चों ने नातियां कलाम पेश किए बाद में सभी बच्चों को पारितोषिक पुरस्कार वितरण किए गए। ईद मिलादुन्नबी को लेकर नगर में स्थित मस्जिदों दरगाहों, घरों को फूलों, लाईटों, इस्लामिक झंडों व गुब्बारों से सजाया गया। वार्ड एक मदरसे में आम लंगर का आयोजन भी किया गया। पेश इमाम शहर काजी ने बताया कि आज से 1500 वर्ष पूर्व आज ही के दिन हजरत मोहम्मद साहब का जन्म मदीना शरीफ में हुआ था। जिसकी खुशी सारे जहां में लोग जश्ने ईद मिलादुन्नबी के नाम से मनाते हैं। कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब ने लोगों के दिलों को जोड़ने का काम किया और इस्लाम हमेशा मोहब्बत, अमन और शांति का पैगाम देता है।इसलिए उनकी शिक्षा और जीवनी पर धार्मिक रहनुमा पर तकरीर किया जाता है। हम सभी को उनके बताए हुए रास्ते पर चलना चाहिए।

इस दौरान आसपास के क्षैत्रो से मुस्लिम समाज महिला,पुरूष,बच्चे आदि लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहकर हर्ष उल्लास और जोश के साथ मोहब्बत साहब का जन्मदिन मनाया। अंजुमन सदर रईस खान ने जलसा ए मोहम्मदिया में शिरकत करने वाले समाजजन ओर प्रशासनिक अधिकारियों का माकूल इंतजाम के लिये आभार व्यक्त किया।

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