रिपोर्ट - पप्पू देतवाल। निंबाहेड़ा बस स्टेशन यात्री भार के हिसाब से जिले का दूसरा सबसे बड़ा बस स्टेशन है, परंतु यहां से उदयपुर जाने के लिए वर्तमान में एक भी रोड़वेज बस नहीं है। फिर रोड़वेज की लोकल बसों में इस माह में मिलने वाली 50 प्रतिशत छूट का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। जहां राजस्थान से मध्यप्रदेश की सीमा के मध्य सबसे बड़ा स्टेशन होने के कारण महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश से आने वाले यात्रियों को सांवलिया जी, उदयपुर या गुजरात जाने के लिए निंबाहेड़ा होकर ही जाना पड़ता है। इसलिए भी यह महत्वपूर्ण स्टेशन है। पूर्व में इस स्टेशन से होकर रोड़वेज की 123 से अधिक बसें चलती थी। मगर आज यहां पर सरकारी बसें आधी चलने के लिए रह गई है। जिसमें भी उक्त उदयपुर मार्ग के लिए पूर्व में प्रतिदिन 20 बसे चलती थी।, जो घटकर दो रह गई थी। जिनमें जावद से उदयपुर व झालावाड़ वाली बस शामिल है। पिछले दस दिन से ये दोनों बसे भी बंद हो गई। इस प्रकार उदयपुर जाने वाले मार्ग पर एक भी रोड़वेज बस नहीं है। कैसे महिलाएं राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुसार इस माह से 50 प्रतिशत किराया की छूट ले। वहीं अधिकारियो का कहना है की बसों की कमी की वजह से बसे कम कर दी गईं है। मगर वही प्राइवेट बसों को लोक परिवहन के नाम से बसों को अतरिक्त लगाया जा रहा है। जहां महिलाओं का निंबाहेड़ा से उदयपुर तक का किराया 100 रूपए के अंदर रहता था। मगर आज लोक परिवहन की बस, जो कि अर्द्ध सरकारी होती है उसमें किसी भी प्रकार की छूट नहीं मिल रही है। साथ ही किराया भी 150 से लेकर 180 रूपये तक लिया जा रहा है। वह टिकट भी नहीं दिया जाता है। चेकिंग भी नहीं होती है।चेकिंग भी नहीं होती है। विद्यार्थियों के एग्जाम के समय तो 200 रूपए तक किराया लिया जाता है। जहां मुख्यमंत्री ने 30 प्रतिशत तक छूट दे रखी थी। जिसे इस साल बजट में 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। वह छूट भी इन लोक परिवहन बसों में मिलती नहीं है। कुसुम, हेमलता, रेखा, अनिता का कहना है की सरकार के द्वारा बसों में कहीं लाभ दिए जाते हैं मगर सरकारी बसें नहीं होने से यह सारे लाभ महिलाओं को नहीं मिल पाते हैं। निंबाहेड़ा डिपो पर 20 उदयपुर के लिए बसों की सूची लगी हुई है, परंतु एक भी बस नहीं है, जिससे यात्रि निराश होकर जाते है। वर्जन – निंबाहेड़ा से उदयपुर आने वाले मार्ग पर वर्तमान में एक भी रोड़वेज बस नहीं चलने का कारण आरएसआरटीसी द्वारा नई बसे आना बंद हो गई। डिपो के पास बसें ही नहीं है, तो कैसे इस रूट पर रोड़वेज बसें चलाए। महेश उपाध्याय, चिफ मैनेजर, उदयपुर डिपो