logo

हनुमान जयंती और भगवा ध्वज के साथ निंबाहेड़ा की राजनीति में हुई विक्रम आंजना की एंट्री !

निंबाहेड़ा/ऐसा अक्सर देखा गया है कि राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय रह कर काम करने वाले व्यक्ति हमेशा अपने क्षेत्र और दायरे में राजनीति करते हैं और ऐसा ही कांग्रेस की राजनीति में पिछले कई वर्षों से प्रदेश के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के भांजे विक्रम आंजना द्वारा भी किया जाता रहा है परंतु हनुमान जयंती के अवसर पर प्रदेश के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के निंबाहेड़ा में नहीं होने और आमंत्रण पर अपने भांजे विक्रम आंजना को कार्यक्रम में जाने के निर्देश देखकर छोटीसादड़ी क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय रहने वाले छोटीसादड़ी पंचायत समिति के उपप्रधान विक्रम आंजना ने निंबाहेड़ा कांग्रेस की राजनीति में भगवा ध्वज के साथ अपनी एंट्री की है। हनुमान जयंती के अवसर पर आयोजित हनुमान जुलूस में भारतीय जनता पार्टी का गड़ माने जाने वाले सब्जी मंडी चौराहे पर जिस तरह से भव्य आतिशबाजी के साथ स्वागत कर छोटीसादड़ी पंचायत समिति के उप प्रधान विक्रम आंजना को अखाड़े के उस्तादों ने साफा पहनाकर और युवाओं ने कंधों को उठाकर जय जय श्री राम के नारों के साथ जिस तरह से भव्य स्वागत किया है उसके राजनीतिक संकेत और परिणाम भविष्य में अलग ही नजर आने वाले हैं। हनुमान जयंती के जुलूस में जिस तरह से युवाओं मे विक्रम आंजना की लोकप्रियता और उनके प्रति जो आकर्षण देखा गया ऐसा बहुत कम राजनेताओं के प्रति देखने को मिलता है। पिछले लंबे समय से विक्रम आंजना क्षेत्र की राजनीति में एक दबंग नेता के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए हैं लेकिन उन्होंने अपना कार्यक्षेत्र छोटी सादड़ी के साथ-साथ निंबाहेड़ा का कुछ क्षेत्र ही बना रखा था परंतु जिस तरीके से उनकी निंबाहेड़ा शहर में धमाकेदार एंट्री हुई है वह अपने आप में राजनीति करने वालों के लिए कई तरह की सोच और चिंताओं का विषय हो सकता है। हनुमान जयंती के जुलूस में जिस जोश और उत्साह के साथ युवाओं ने विक्रम आंजना को अपने कंधों पर उठाकर उनसे भगवा ध्वज फहराया वह दृश्य अपने आप में देखने लायक था। अक्सर भगवा ध्वज एक पार्टी विशेष द्वारा फहराया जाता है परंतु इस बार अपने मामा के नक्शे कदम पर राजनीति करने वाले विक्रम आंजना ने मामा की ही तर्ज पर भगवा सांफे की जगह भगवा ध्वज फेराकर अपने राजनीतिक इरादे जहीर कर दिए हैं। युवाओं में जोश इतना था कि अपने कंधों को उठाकर विक्रम आंजना को स्टेज तक ले गए और वापस अपने कंधों पर उठाकर चौराहे पर लाकर उनसे तलवारबाजी करवाई। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान जय जय श्री राम के नारे लगातार युवाओं द्वारा लगाए जा रहे थे। जिस युवा शक्ति और जोश को हर पार्टी अपना प्रमुख वोट बैंक और ताकत बनाना चाहती है उसमें आज कहीं ना कहीं विक्रम आंजना सेंध लगाने में कामयाब हो गए हैं। अब देखना यह है कि भविष्य की राजनीति में विक्रम आंजना निंबाहेड़ा में कितना राजनीतिक दखल करते हैं और कितना नुकसान विरोधी पार्टी को पहुंचा पाते हैं यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा परंतु यह तय है कि निंबाहेड़ा कांग्रेस की राजनीति में विक्रम आंजना की एंट्री से क्षेत्र की राजनीति के काफी समीकरण बदलेंगे।

Top