छोटीसादड़ी। छोटीसादड़ी अंतर्गत आने वाले गांव जलोदा जागीर का एक मामला सामने आया। जहाँ नाबालिक बच्चे पर झूठा आरोप लगाकर जलोदा जागीर चौकी के पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट की गई। और नाबालिक बच्चे के पिता से अवैध तरीके से रुपए की मांग की गई। और डराया गया कि अगर पैसे नही दिए तो बच्चे को फंसा दूंगा। दरहसल मामला यह है कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जो कि ग्राम जलोदा जागीर में स्थित है। वहाँ के एक शिक्षक झमकलाल जणवा ने चौकी में शिकायत की थी कि स्कूल के कैमरे और पोस्टर शरारती तत्वों द्वारा तोड़े व फाड़े गए। जिसका सीसीटीवी में सबूत के तौर पर नामजद रिपोर्ट की। पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों द्वारा सीसीटीवी के आधार पर छात्रों को उठाकर चौकी ले गए। जहाँ उनसे पूछताछ की तो छात्रों ने गलत आरोप लगाते हुए हरिओम प्रजापत उम्र 16 वर्ष का नाम ले लिया। जो सीसीटीवी फुटेज में नही दिख रहा था। जिसके बाद दो पुलिसकर्मी छात्र के घर पहुंचे। और नाबालिक छात्र को घर से उठाकर थाने में लाए। जिसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई । वही छात्र हरिओम प्रजापत द्वारा निरन्तर कहा गया कि मैने कैमरे नही तोड़े, मेरी कोई गलती नही है। पर पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आ गया। नाबालिक छात्र की बहन हेमलता प्रजापत ने कहा कि अगर मेरा भाई कैमरे के अंदर आया हो तो मुझे सीसीटीवी फुटेज चेक करवा दो अगर मेरे भाई की गलती होगी तो में जरूर स्वीकार करूंगी। वही अध्यापक झमक लाल जणवा और प्रिंसिपल सुनील पहले से ही थाने में मौजूद थे। जबकि विद्यालय के शिक्षक द्वारा नामजद रिपोर्ट करवाई गई थी। उसके बावजूद पुलिसकर्मीयो ने जल्लाद की तरह नाबालिक छात्र के साथ ऐसा जुल्म किया की बच्चे के पूरे शरीर पर सूजन आ गई। छात्र की बहन हेमलता प्रजापत ने जानकारी देते हुए बताया कि चौकी में इन पुलिसकर्मियों द्वारा मेरे भाई हरिओम प्रजापत के साथ बेल्ट व डंडे से मारपीट की गई। जिसके बाद मेरे भाई को गंभीर अवस्था मे 108 की मदद से बड़ी सादड़ी अस्पताल ले जाया गया। और उपचार करवाया गया। नाबालिक बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यापक व पुलिसकर्मी की मिलीभगत से मेरे पुत्र की बेवजह मारपीट कर दी। जबकि मेरा पुत्र कैमरे के अंदर नहीं आ रहा था और ना ही उसने कैमरे के कोई नुकसान पहुँचाया। अगर वह कैमरे के अंदर आ रहा होता तो सीसीटीवी फुटेज बताते। कैमरा चेक करवाने से शिक्षक व पुलिसकर्मी पीछे हट गए। नाबालिक छात्र के पिता किशोर प्रजापत ने बताया कि मेरे बच्चे को बुरी तरह पीटा गया। बेल्ट और लठृ से मारपीट की गई। मेरे द्वारा जब शिक्षक झमकलाल जणवा से फोन लगाकर बात की गई। तो उन्होंने अपने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि मैंने आपके बच्चे का नाम नही लिखवाया। जिसकी रिकॉर्डिंग भी सामने आई है। जिसमे बच्चे के पिता द्वारा शिक्षक से कहा जा रहा है कि आपका कितना नुकसान हुआ में दे दूंगा। मेरे बच्चे को चौकी से छुड़वा दो। तो वही शिक्षक ने कहा कि एक कैमरा तीन हजार का टूटा है। और 3 कैमरे टूटे जो कि कुल 9000 हो रहे हैं। और पोस्टर फाड़े 4000 के हैं। वही शिक्षक झमकलाल ने कहा कि पहले तो सुरेश जी को सन्तुष्ट करें क्योंकि मामला बहुत बड़ा हो गया। तो बच्चे के पिता ने कहा कि में 2000 रुपए ही दे सकता हु। अब रिकॉर्डिंग की बात करें तो शिक्षक द्वारा पुलिसकर्मियों को पैसे देने की बात कर रहा है।पुलिस को पैसे देने पर आपके बच्चे पर कोई केस नही होगा। और वही एक रिकॉर्डिंग में पुलिसकर्मी अर्जुन सिंह द्वारा स्कूल के नाम से पहले 30000 मांगे गए और कहा कि विद्यालय का 30000 का नुकसान हुआ है। और फिर धीरे धीरे 5000 व 4000 की बात करने लगे। वही पुलिसकर्मी अर्जुन सिंह द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि अभी 3000 चौकी के सामने स्थित चाय की दुकान संचालक मनोहर के खाते में डाल दो और बाकी में मिलाकर दे देता हूं। वही परिजनों द्वारा आवेदन दिया गया और मांग की गई कि दोषियों पर कार्यवाही की जाए। इनका कहना---- विद्यालय के शिक्षक झमकलाल जणवा ने बताया कि मेरे द्वारा सीसीटीवी कैमरे के आधार पर नामजद शिकायत करवाई थी। और जो भी युवक कैमरे में आ रहे थे उन्होंने इस छात्र हरिओम का नाम लिया है। और हरिओम प्रजापत को पुलिस द्वारा मारपीट की जानकारी मेरे पास नही है। मेरे द्वारा कैमरे के नुकसान का कोई पैसे नही लिए गए। झमकलाल जणवा- अध्यापक इनका कहना--- मारपीट के आरोप सरासर गलत है। बच्चो के साथ किसी प्रकार की मारपीट नही की गई। सिर्फ पूछताछ की गई। नाबालिक बच्चे के साथ पूछताछ कर छोड़ दिया गया। इन बच्चो द्वारा स्कूल में शराब पीकर कैमरे व पोस्टर को तोड़ फाड़ दिया था। जो सीसीटीवी फुटेज में आ रहे थे। ओर नाबालिक बच्चा हरिओम प्रजापत भी इनके साथ था जो कैमरे में नही आया। वह बाहर ध्यान रख रहा था। सुरेश जाट, हेड कॉन्स्टेबल, जलोदा जागीर चौकी इनका कहना--- शिक्षक द्वारा लेखी शिकायत की थी जिसके बाद सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे युवकों को चौकी लाया गया। नाबालिक बच्चे के साथ कोई मारपीट नही की गई। उससे पूछताछ की गई। जिन्होंने कैमरे व प्रतिभावान छात्राओं के दीवार पर लगे पोस्टर को नुकसान पहुँचाया। जिसके बाद दोषी पर 151 की कार्यवाही की गई। और पुलिस द्वारा कोई पैसे नही मांगे गए। वह तो सिर्फ स्कूल के नुकसान के पैसे देने की बात की गई। अर्जुन सिंह- पुलिसकर्मी