दशरथ माली - चीताखेड़ा -22अप्रैल। मुस्लिम कोम ने शनिवार को रमजान के पाक महीने में पूरे महीने अल्लाह ताला की इबादत के बाद इंसानियत का पैगाम , नफरत की दीवारों को तोड़ने वाला, रोजों की बरकत का नाम ईद उल फितर का पर्व पूरे शानो शोकत के मनाया गया।इस दौरान मुस्लिम कोम के हर उम्र के महिला पुरुषों में अपार उत्साह देखा गया। रमजान के सकुशल संपन्न होने की खुशी में ही अल्लाह ताला को शुक्रिया अदा करने के लिए ही ईद उल फितर का त्यौहार मनाया जाता है। वहीं अल्लाह ताला के नेक बंदों की खिदमत का भी मुबारक मौका है ईद। रमजान सब्र, प्रेम और भाई चारे के साथ -साथ अल्लाह की खिदमत का एक खास महिना है। तभी तो इस्लाम धर्म को मानने वाला हर मुस्लिम कौम रमजान का बेसब्री से इंतजार करता है। मुस्लिम कौम ने शनिवार को ईद उल फितर का पर्व पूरे शानो शोकत और उमंग के साथ मनाया गया। शनिवार को प्रातः 7:30बजे बस स्टैंड पर स्थित जामा मस्जिद पर रोजेदारों सहित मुस्लिम कोम के सभी लोग एकत्रित होकर ढोल ढमाकों के साथ जीरन मार्ग पर स्थित ईदगाह पर पहुंचे जहां पेश इमाम मोहम्मद गुफरान रजा ने प्रातः 8:15बजे ईद की नमाज अदा कराई। नमाज अदा करने के पश्चात् सभी मुस्लिम कोम के भाईयों ने एक दूसरे से लिपट कर हाथ मिलाकर ईद मुबारक बाद दी। वहीं हिंदू भाइयों ने भी ईदगाह पर पहुंचकर ईद मुबारक बाद दी। रमजान के पूरे माह रोजा रख चुके रोजेदारों ने नये कपड़े पहनकर ईद की नमाज अदा की। रमजान की शुरुआत भी चांद से हुई और रमजान पूरे होने पर भी ईद का चांद निकला है तो सबके चेहरे पर खुशी हुई। बच्चों व महिलाओं में भी ईद के मौके पर उल्लास नजर आया।इस दिन मीठे पकवान जैसे कि सेंवई, मिठाई जैसे पकवान बनते हैं मीठी सेंवई घर आए मेहमानों, दोस्तों को दावत पर बुलाकर खिलाई जाती है।दावत का दोर देर शाम तक चलता रहा।