रामपुरा पोरवाल मांगलिक भवन रामपुरा में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में राष्ट्रीय अटल गौरव रखना भागवताचार्य पंडित गोविंद उपाध्याय श्री नरसिंह मंदिर मनासा वालों ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा साक्षात कल्पवृक्ष है ,यही कामधेनु है जो मनोकामना पूर्ण करती है जीवन की व्यथा, जिससे समाप्त होती है ऐसी है श्रीमद्भागवत की कथा। जीवन में एक ग्रंथ एक पंथ और एक संत होना आवश्यक है मार्गदर्शन कराने का कार्य गुरु करते हैं प्रत्येक मनुष्य के लिए गुरु आवश्यक है चाहे किसी भी क्षेत्र में हो गुरु आवश्यक है बिना गुरु के ज्ञान की प्राप्ति एवं सही मार्गदर्शन प्राप्त करना कठिन है। श्री उपाध्याय ने कहा कि सुख में भगवान के समर्पण दुख में सुमिरन होना चाहिए एवं दोनों ही हो तो भगवान की शरण तो अवश्य होना चाहिए । विचारों को सदैव पवित्र रखना चाहिए एवं शुभ संकल्प करते रहना चाहिए मुख और मन को जितना मौन रखेंगे उतनी ही आत्मा की आवाज बुलंद और असरदार होगी ।कथाएं अंदर से प्रेरणा प्रदान करती है एवं अंदर से सुधारती है ।जीवन में कोई भी नियम होना आवश्यक है नियम से लाभ होता है सुधरता वही है जो सुधारना चाहता है ।परीक्षा विपत्ति के समय होती है विपत्ति में जो साथ दे वास्तव में वह अपना है। कोई भी आदत है इतनी बड़ी नहीं होती है कि उसे छोड़ा नहीं जा सकता बस अंदर से एक मजबूत फैसले की आवश्यकता होती है। इस अवसर पर आयोजक ओमप्रकाश पर्सेंडिया परिवार, पोरवाल समाज, ब्राह्मण समाज स्वर्णकार समाज, विश्व हिंदू परिषद विभिन्न समाज की महिला मंडल , माली समाज, आर्य समाज बैरागी समाज, भोई समाज एवं विभिन्न समाज के द्वारा एवं विभिन्न संगठनों के द्वारा तथा नगर पंचायत के अध्यक्ष प्रतिनिधि सहित सभी पार्षद गणों एवं रामपुरा राज परिवार के विजय राज सिंह चंद्रावत नगर पंचायत उपाध्यक्ष एवं पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष यशवंत करेल द्वारा भागवताचार्य श्री गोविंद उपाध्याय का शाल श्रीफल से सम्मान किया गया कथा के विश्राम के अवसर पर नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए शोभायात्रा निकाली गई जोकि जागनाथ महादेव मंदिर रामपुरा में पहुंची जिसमें बड़ी संख्या में भक्तजन एवं महिला मंडल उपस्थित थे। नगर के विभिन्न मार्गो में जगह-जगह पुष्प माला एवं फूलों से स्वागत सम्मान किया गया कथा के विश्राम के अवसर पर महा प्रसादी का वितरण किया गया।