नीमच 4 मई 20-23 (केबीसी न्यूज़) श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा श्री कृष्ण का वांग्मय स्वरूप है।भागवत जीवन के साथ भी जीवन के बाद भी मनुष्य का कल्याण करती है। श्रीमद् भागवत श्रवण से कष्टों का संहार होता है। भागवत कथा श्रवण करने से जीवन जीने का मार्ग मिलता है। भगवत श्रवण से प्रेतात्मा का भी कल्याण हो जाता है।श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा मुक्ति का परिचायक है। भागवत सभी ग्रंथों का सार है। यह बात भागवत आचार्य पंडित भीमाशंकर शास्त्री ने कही । वे श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव आयोजन समिति के तत्वावधान दिवंगत पूर्व जनपद उपाध्यक्ष राजाराम पाटीदार की चतुर्थ पुण्य स्मृति में गामी परिवार भेरु बावजी देवरा परिसर रामनगर में श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव शुभारंभ के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने श्रीमद्भागवत के महातम्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान की भक्ति करो तो विधान भी बदल सकता है । जो 7 जन्म में नहीं हो सकता इस जन्म में हो जाता है।जो क्रोध का त्याग करता है वही भागवत सुनने की योग्यता रखता है।जनता जीनको चुनती है वे पद को प्राप्त करते हैं। जनार्दन जिन्हें चुनते हैं वे भागवत को प्राप्त करते हैं।अहंकार का त्याग करें तो उनका बंधन नहीं रहता है।विनम्रता जीवन में सफलता का परिचायक होती है। पहाड़ पर चढ़ाई करते समय जो व्यक्ति झुकता है वह सफलता के शिखर को शीघ्र प्राप्त करता है।परिवार जनों में संवादहिनता रहनी चाहिए कभी बंद नहीं करनी चाहिए। श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा प्रेम संवाद के लिए आवश्यक है। कथा धन कमाने का नहीं धर्म जगाने का माध्यम बनना चाहिए। धन के लोभ में कथा का सार लुप्त हो जाता है। ज्ञान भक्ति वैराग्य से आत्मा पवित्र होती है।श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा काम क्रोध लोभ माया से बचाती है।संसार में सब दुखी है। हरीभक्ति करने वाले सदैव सुखी रहते है।आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं होता है। संघर्ष करने पर समस्या का निराकरण होता है। आत्महत्या जगन्य अपराध होता है। श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा मुक्तिऔर कल्याण करने वाली कथा होती है। भगवान जब अपने धाम गए तो अपना तेज श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में छोड़कर गए।किसान फसल उगाने के बाद भी फसल का मूल्य निर्धारण नहीं कर पाता है। अपराधी को बचाना नहीं सजा दिलाना चाहिए। भागवत कथा श्रवण करने से अधोगति नहीं होती सदगति होती है। महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया4 मई गुरुवार भेरुजी के देवरे पर पूजा अर्चना आरती के साथ हुआ। श्रीमती निर्मला देवी धर्मपत्नी स्वर्गीय राजाराम पाटीदार जोगेश पाटीदार ने बताया कि 6 मई को रात्रि 8 बजे सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाएगा 10 मई को श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा का विश्राम हवन यज्ञ में पूर्णाहुति के साथ किया जाएगा। आरती के बाद महाप्रसाद वितरण किया । इस अवसर पर कृष्णाष्टकम स्तुति का सामुहिक वाचन किया गया।