रिपोर्टर सुरेश नायक निंबाहेड़ा बंधक बनाकर डकैती के एक मामले में कोर्ट ने 2 दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। यह डकैती करीब 8 साल पहले रुढ़गढ़ बालाजी में हुई थी। एडीजे राकेश गोयल ने यह फैसला सुनाया। मामले में जिला चित्तौड़गढ़, थाना निंबाहेड़ा, गांव चरलिया ब्राह्मण के रहने वाले विकास उर्फ आकाश और प्रकाश पुत्र मिठिया कालबेलिया को दोषी ठहराया गया। दोनों आपस में भाई हैं। मंदिर में की थी डैकेती अपर लोक अभियोजक फरीद मोहम्मद मिर्जा ने बताया कि पंचायत रायता के उत्थेन गांव के पास स्थित रुढ़गढ़ बालाजी मंदिर में 26 जून 2015 रात को डकैती की वारदात हुई थी। मंदिर में आए श्रद्धालु कमलेश शर्मा, निलेश आमेटा, सोनू आमेटा, पप्पू धाकड़ और मंदिर के पूजारी हरी प्रसाद आमेटा विश्राम कक्ष में सो रहे थे। भंवर लाल आमेटा अखंड रामायण पाठ कर रहे थे। इसी दौरान बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया और कमरे में बंद कर आलमारी के ताले तोड़कर करीब 9 हजार रुपए की नगदी, 4 मोबाइल, यज्ञशाला से चांदी की मूर्तियां और मंदिर से दानपात्र चोरी कर ले गए थे। जिसके बाद मंदिर कमेटी के व्यवस्थापक कमलेश शर्मा ने बेगूं थाने में मामला दर्ज कराया था। एक आरोपी को वीसी से सुनाई सजा विकास और प्रकाश कालबेलिया मध्यप्रदेश की जबलपुर जेल में अन्य मामले में बंद थे। सोमवार को जबलपुर पुलिस विकास को बेगूं एडीजे कोर्ट लेकर आई। जबकि दूसरे आरोपी प्रकाश को कोर्ट ने वीसी के माध्यम से सजा सुनाई। इस मामले में अन्य आरोपी विनोद कालबेलिया, कैलाश कालबेलिया और राजू कालबेलिया अभी फरार हैं।