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जावद नगर के बीच बने बस स्टैंड पर अतिक्रमण की बाढ़ आ चुकी है

Neemuchhulchal रिपोर्टर अनिल कुमार बैरागी यहां पर आए दिन लोगों की टू व्हीलर फोर व्हीलर निकालने की जगह नहीं होने से विवाद होते रहते हैं बहुत कुछ तो शाम के वक्त प्राइवेट बस से जब अपने-अपने रूट से आकर खड़ी होती है जगह नहीं होती है दिन में हाथ ठेला गाड़ी वाले जो लोग स्थाई रूप से खड़े रहते हैं आगे पीछे होने में नहीं होते हैं और यदि किसी के पड़ जाते हैं टकरा जाते हैं वही जावद से लोकल होने के कारण लोगों के विवाद में नहीं पड़ते पुलिस प्रशासन देखते रहती है नगर पालिका आती है आंखें बंद करके निकल जाती है ऐसे में अतिक्रमण करता हूं और आम पब्लिक के बीच जनता के बीच आए दिन विवाद होते रहते हैं और हाथ ठेला वालों का अधिकार इतना तगड़ा है विवाद करने में देर नहीं होती नगर पालिका की दुकानें बनी हुई है बस स्टैंड के चारों तरफ उन लोगों की भी दादागिरी देखिए दुकान के आगे की जमीन जो शासकीय और नगर पालिका के अधीन है बस स्टैंड के लिए छोड़ी गई है उसको अन्य लोगों को किराए पर दे दी जाती है जो दिल्ली वसूली करते हैं कहीं ₹100 तक लेते हैं कहीं ₹400 तक सड़क पर खड़े रहने की दुकान के आगे किराया वसूला जाता है ऐसे में नगर पालिका प्रशासन आंख बंद कर जनता के साथ न्याय की जगह ज्यादा चापलूसी करके बिन कर पी देखें अत्याचार कर रही है जिस पर जनता माल है प्रशासन आंखें बंद कर सो रहा है बंदा बैरागी अनिल कुमार बैरागी बंदा बैरागीनीमच एमपी

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