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नीमच जिले की बेटी उमा का गुरुवार को अपने पैतृक गांव खातिखेड़ा में हुआ अंतिम संस्कार

रिपोर्टर सत्यनारायण सुथार जाट✍️ माता-पिता और छोटे भाई बहिन ने नम आंखों से दी अपनी लाडली को अंतिम विदाई ग्रामीणों ने दिखाई दरियादिली,की एम्बुलेंस के भुगतान एवं अंतिम संस्कार मे मदद मंगलवार को जयपुर में नीमच जिले के खातिखेडा ग्राम की बेटी उमा सुथार जो ईवेंट मेनेजमेंट का कार्य करती थी। की निर्ममता पूर्वक कार से कुचल कर हत्या कर दी गई थी। घटना में उमा का मित्र राजकुमार जाट भी बुरी तरह से घायल हो गया था।यह पूरी घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई थी।पुलिस ने कुछ ही समय बाद वारदात के मुख्य आरोपी कपडा व्यवसायी मंगेश अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया। मृतक उमा सुथार के पोस्टमार्टम के पश्चात एम्बुलेंस मे उसके शव को लेकर उसके माता-पिता बुधवार देर रात्रि अपने गांव खातिखेड़ा पहुंचे।परिजनो द्वारा ग्राम वासियों के सहयोग से छोटे भाई कुशाल ने चिता को मुखाग्नि देकर उसका अंतिम संस्कार किया।इस दौरान आक्रोशित माता-पिता परिजनों एवं ग्रामीणो ने प्रशासन से हत्यारे मंगेश अरोड़ा को फांसी की सजा देने की मांग की।इस दौरान माता-पिता और छोटे भाई बहिन रो-रो कर बैसुध हो रहे थे। ग्राम वासी भी नम आंखों से अंतिम संस्कार में सम्मिलित हुए। ज्ञात रहे की आर्थिक रूप से बेहद कमजोर माता-पिता के जीवन यापन का बिटिया उमा ही एक मात्र आसरा थी। जिसने गांव में आठवीं तक पढ़ाई करने के पश्चात भीलवाड़ा हॉस्टल में आगे की पढ़ाई की। और पिछले दो सालों से जयपुर में इवेंट मैनेजमेंट का कार्य कर रही थी। उसी से परिवार का गुजारा चल रहा था। गांव की बिटिया की मौत की खबर सुनते ही पूरे गांव में मातम सा छा गया। जयपुर से एंबुलेंस में खातिखेड़ा तक साथ आए उमा के साथी राजकुमार जाट ने बताया कि होटल एवरलैंड विश मे पार्टी के दौरान रात्रि मे मंगेश अरोड़ा द्वारा उमा सुथार के ऊपर गलत कमेन्ट्स कर देने से झगड़ा हो गया था।जो दूसरे दिन रोड़ पर पहुंच गया और फुल नशे की हालत मे मंगेश ने उमा एवं मेरे ऊपर कार चढा दी।जिसमे ईलाज के दौरान उमा की मृत्यु हो गई। उमा के पिता मोतीलाल सुथार ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार प्रातः8 बजे जयपुर थाने से सूचना मिली कि आपकी बेटी का एक्सीडेंट हो गया है। जिसे अस्पताल में एडमिट किया गया है।गांव वालों से रुपये उधार लेकर हम दोनों पति-पत्नी जयपुर पहुंचे तो पता चला कि हमारी बिटिया की तो मृत्यु हो चुकी है।हमारी आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है।कि एम्बुलेंस का किराया एवं अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी के खर्च की व्यवस्था भी गांव वालों के द्वारा की गई।अब हमारी एक ही मांग है।कि प्रशासन आरोपी को शिघ्र फांसी की सजा सुनाए।

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