Neemuchhulchal (निर्मल मूंदड़ा रतनगढ)✍️✍️ व्यवसाईयों को आगे से फुटपाथ एवं रोड़ पर सामान रखकर अतिक्रमण न करने की दी हिदायत स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं नेताओं की गैर मौजूदगी से ऊपजा रोष व नाराजगी, प्रशासन की कार्यवाही पर भी उठाए सवाल 2 दिन पूर्व रतनगढ नगर के मुख्य मार्गो पर अस्थाई अतिक्रमण कर्ताओं को प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारियों के दल ने स्वेच्छा से अपना अतिक्रमण हटाने की हिदायत देते हुए चुने की लाईन बनाकर उसके दायरे मे सभी को दुकानो का सामान रखकर व्यापार करने को कहा गया था।ज्ञात रहे कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में मुहिम चलाई जा रही है।जिसमे फुटपाथ को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही की जा रही है।इसी क्रम मे रतनगढ़ में भी माइक द्वारा मुनादी करवाई गई।एवं लोगों को अपने अस्थाई अतिक्रमण हटाने की समझाइए दी गई थी। दूसरे दिन रतनगढ के मुख्य मार्गो पर अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासनिक अमला तहसीलदार शत्रुघ्न चतुर्वेदी,थाना प्रभारी बी.एस. गौरे, नगर परिषद के उपयंत्री दिपक मुवैल, कस्बा पटवारी विनय तिवारी,पटवारी नरेश सागर,नगर परिषद कर्मचारी गण राजेश पटवा,भरत भाटी, केलाश बंजारा आदि पुलिस प्रशासन व नगर परिषद के कर्मचारियों के दल बल के साथ सभी प्रमुख मार्गो पर अतिक्रमण हटाने पहुंचे।और नगर के बस स्टेंड, नीमच सिंगोली रोड़,जाट रोड़,डाक बंगला चौराहा,आलोरी गरवाड़ा रोड़, नीम की सड़क,पुराना बस स्टैंड,सब्जी मंडी, विवेकानंद बाजार में स्थित दुकानों के बाहर सड़क पर रखी हाथ थेला गाड़ी, घुमटीया व सामान को जब्त करके उन्हे जेसीबी के माद्यम से ट्रेक्टर मे भरकर ले जाया गया। प्रशासन की इस कार्यवाही से जहां आमजन खुश दिखाई दिया।वही व्यवसाईयों मे नाराजगी देखी गई। इस कार्यवाही के दौरान कुछ घुमटी व्यवसायी अपनी घुमटी बचाने के स्थान पर एक दूसरे का अतिक्रमण हटाने की शिकायत करते दिखाई दिए।तो कुछ जगह पर व्यापारियों ने हल्का फूल्का विरोध भी दर्ज किया।और प्रशासन की कार्यवाही पर सवाल उठाए।उनके अनुसार प्रशासन द्वारा कार्यवाही को पारदर्शिता पूर्वक अंजाम नही दिया गया।एवं भेदभाव किया गया।इस दौरान कुछ स्थानो पर चल रहे मकान, दूकानों के निर्माण की सामग्री रैत,सिमेंट और ईंटे भी भरकर ले गए।उन्हें हटाने के लिए कुछ समय भी नहीं दिया गया। तो कुछ होटलों की भट्टीया व छाया के लिए बनाए टिन शेड भी तोड़ दीये गए।इस दौरान हाथ ठेला गाड़ी व घूमटी व्यवसाय पूरी तरह से बेबस व लाचार दिखाई दिए।उनके अनुसार प्रशासन को स्थाई अतिक्रमण जो नगर में धड़ल्ले से हो रहे हैं।वह दिखाई नहीं दे रहे हैं।हर बार अतिक्रमण की गाज केवल गरीब एवं लाचार वर्ग के ऊपर ही पड़ती है।जिनकी रोजी रोटी का साधन ही यह व्यवसाय है।इस दौरान कोई भी स्थानीय जन प्रतिनिधि या नेता व्यापारियों के पक्ष में खड़ा दिखाई नहीं दिया। जिससे नागरिकों मे भारी रोष देखा गया।