Neemuchhulchal ✍️ ✍️ (रिपोर्टर अनिल जटिया ) प्रतापगढ़ भारत आदिवासी पार्टी ने महामहिम राष्ट्रपति महोदया के नाम प्रतापगढ़ जिले में किसानों के समर्थन में विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन दिया आजाद भारत को भूखमरी से बाहर निकालने वाले हरित क्रांति के जनक पंजाब - हरियाणा के किसानों को समर्थन देने भी पीछे नहीं हैं ज्ञापन में मुख्य मांगे (1) सुप्रीम कोर्ट जजमेंट कैलाश बनाम महाराष्ट्र सरकार 5 जनवरी 2011 के अनुसार 8% अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) ही भारत के मूल मालिक मूल रहवासी इंडीजीनस पिपल्स अबोरिजीन पिपल्स नेटिव पिपल्स हैं भारत पर काबिज वर्तमान शासक वर्ग इमिग्रेन्टस पिपल्स (आप्रवासी समुदाय) का प्रतिनिधित्व करता है इस कारण इंडीजीनस किसान मजदूर कबिलाई क़ौम गरीब भूमिहीन लोगों को गुलाम बनाए रखना चाहता है (2) आदिवासी समुदाय के पूर्वजों ने भारत भूमि पर पहली बार पशुपालन, खेती-बाड़ी की शुरुआत कर कृषि का विकास किया (3) केन्द्र सरकार ने तीन कृषि कानून पूंजीपति अड़ानी आदि के हितार्थ बनाए थे किसान मजदूर संगठन के लंबे आंदोलन और 700 किसानों के बलिदान बाद वापस लिए थे, जो कृषि प्रधान भारत भूमि के इतिहास पर काला धब्बा है (4) कैवडिया (गुजरात) बस्तर - हंसदेव (छत्तीसगढ़) मणिपुर कश्मीर में आदिवासियों के साथ किस तरह नाइंसाफी पूंजीपतियों और EVM से बनी सरकार कर रही हैं यह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए दुखद अध्याय हैं (5) केन्द्र सरकार द्वारा मानी गई मांगों को पूरा कराने को लेकर 13 फरवरी 2024 से किसान मजदूर संगठन फिर आंदोलनरत हैं पंजाब हरियाणा शंभू बोर्डर खनौरी बोर्डर पर किसानों के साथ सरकार की फोर्स एवं भाजपा के लोग किसानों पर हमले कर रहे हैं (6) संविधान प्रदत्त अधिकार के तहत शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों पर हिंसक कार्यवाही की जा रही है उसे रोका जाए (7) फसल का मूल्य तय करने का अधिकार किसान को होना चाहिए (8) भारत भूमि पर पहली बार अनुसूचित क्षेत्र (Scheduled Area) के बाहर सामान्य क्षेत्र (Civil Area) के किसान मिलकर किसानों के हक में आवाज उठा रहे हैं मांग पुरी की जाए (9) राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले की पीपलखूंट उपखंड में दो वनखंड दांता और केलामेला स्वर्ण अयस्क खनन के लिए नीलामी टेंडर प्रक्रिया चल रही है, वहीं दूसरी तरफ उसी प्रतापगढ़ जिले की सुहागपुरा ब्लॉक की पंचायत पंडावा के आदिवासियों को प्रशासन पुलिस बल प्रयोग के साथ हटा रहा है जंगल की जमीन पर बसने की बात कर रहे हैं जबकि किसान उस जमीन पर देश आजाद होने से पहले से घर बनाकर रह रहे हैं यह नाइंसाफी पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए केवल आदिवासी किसान मजदूर कबिलाई क़ौम के साथ ही क्यों हो रही हैं हम जानना चाहते हैं इनके अलावा भी अन्य प्रमुख मांगे भी है जो ज्ञापन में शामिल की गई है अरनोद प्रतापगढ़ दलोट सुहागपूरा पीपलखूंट धरियावद धमोंतर ब्लॉक में ज्ञापन दिया गया ज्ञापन देने में भारत आदिवासी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जिला कार्यकारिणी सदस्य ब्लाक कार्यकारिणी सदस्य मंडल कार्यकारिणी सदस्य एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे.