Neemuchhulchal ✍️✍️ (रिपोर्टर हुकुम सिंह) उमरिया जिले के बांधवगढ टाइगर रिज़र्व अंतर्गत पतौर रेंज के पिटोर बीट में दो से तीन वर्ष का सड़ांध अवस्था मे बाघ का शव मिला है।सन्दिग्ध परिस्थितियों में मिले शव को देख प्राथमिक दृष्ट्या बाघ की मौत पिछले दो से तीन दिन पूर्व होना सम्भावित है।बताया जाता है कि बाघ के रीढ़ की हड्डी टूटी हुई है,इसलिए संभावना जताई जा रही है कि असहनीय दर्द वेदना से पीड़ित बाघ क़ई दिन मौके स्थल पर रहा होगा,शिकार आदि न कर पाने की वजह से भूख की वजह से उसकी मौत हुई होगी।पतौर रेंज के चपटा पटेरा वन क्षेत्र में हुई बाघ के मृत्यु की जानकारी शनिवार की सुबह गश्त के दौरान वन कर्मियों को लगी है,जिसके बाद इस मामले की जानकारी वन अधिकारियों को दी गई है।इस मामले में यह भी खबर है कि मृत नर बाघ के केनाइन,दांत व नाखून पूरी तरह सुरक्षित है,जिससे वन माफियाओं द्वारा वन्य प्राणियों के शिकार आदि होने की संभावना नही है।विदित हो कि घटना स्थल से कुछ दूर मौजूद ग्राम पिटोर में दो दिन पहले एक नर बाघ की मूवमेंट थी,इस बाघ ने स्थानीय रामप्रसाद यादव के पालतू मवेशी का शिकार किया था,जिससे साफ है कि क्षेत्र में एक दूसरा बाघ भी मौजूद है,संभावना जताई जा रही है कि मृत बाघ से दूसरे बाघ ने संघर्ष किया है,जिसमे मृत बाघ के रीढ़ की हड्डी टूट गई थी,जिससे मृत बाघ वन क्षेत्र में विचरण कर शिकार आदि करने में असहज महसूस कर रहा था,जिस वजह से उसकी मौत हुई है।