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आज का विचार में आज ख़ास , कोरोना 19 था तो खतरनाक , कईयों को मौत के आगोश में सुला दिया लेकिन इंसानियत का सबक सिखा गया :--*

*दिनाँक 25/04/2024* _प्रिय पाठकों ? सन्सार में कोविड 19 बहुत ही खतरनाक था औरों की तरह मेने भी अपने परिवार के कुछ नजदीकी लोगो को खोया हैं । सबने अनुभव किया हैं कि प्रकृति की शक्ति के सामने विज्ञान फैल है ।_ ???????????????????????????????? *इंसानियत शब्द वर्णमाला में सबसे अधिक महत्वपूर्ण :--* _में अपने जीवनकाल में देख रहा हु की कुछ व्यक्ति धर्म व जातिवाद को लेकर अलग अलग वक्तव्य देते आ रहे है व लोगों में दूरियां बनाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहें हैं । कोविड 19 के समय जब पूरा सन्सार त्राहि त्राहि कर रहा था तब हर तऱफ मौत का मन्जर नज़र आ रहा था । जब हर कोई हैरान था तब मिसाइल से तेज़ गति से इंसानियत का उदय हुवा । वही इंसानियत चुनाव आते आते सूर्य व चंद्रमा की तरह अस्त होती नज़र आ रही है एवं वह घुट घुट कर मर रही है।_ _मुझ अब्दुल रशीद शेख़ रिटायर्ड टी आई इंदौर का कहना है कि_ *" मेने अनुभव किया है कि अक़्सर चुनाव के समय कुछ व्यक्तियों की जबान मधुरवाणी बोलने की बजाय शब्द रूपी बाण से आग के गोले छोड़ते नजर आ रहें हैं । जो दुनिया का सबसे तेज़ ज़हर पहले ( रेडीयम ) जिसका अब नाम बदलकर पोलोनियम 210 रखा गया है को घोल रहें है । इंसान इंसान को आपस मे धर्म व जाति के नाम पर वैमनस्यता फ़ैला रहें हैं । इंसान के मुंह से नफऱत रूपी जो शब्द निकलतें है वे बंदूक की गोली से भी तेज़ होते हैं जो लौटकर कभी वापस नही आते है "

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