सिंगोली। लावारिस मवेशियों से परेशान सभी हैं। आमलोग, जिम्मेदार अधिकारी, जनप्रतिनिधि, और पशुपालक भी। समाधान सभी को चाहिए। शहरवासी चाहते हैं कार्रवाई हो। पशुओं के संरक्षक भी चाहते हैं। और अधिकारी भी। कोर्ट का भी आदेश है कि पशुओं को शहर से दूर गौशालाओं में रखा जाए। अधिकारी कार्रवाई करने की बात कहते हैं, लेकिन अधिकारियों की कार्रवाई को लोग नाकाफी बताते हैं। नगर परिषद में इच्छाशक्ति का अभाव बताते हैं। आवारा पशुओं के पशु पालकों पर जुर्माना लगाने की मांग करते हैं। शहरवासियों का कहना है कि आए दिन मवेशियों के कारण हादसे होते हैं, यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। अगर नगर परिषद लगातार लावारिस मवेशियों को पकडे की कार्रवाई करे और पशु पालक अपनी जिम्मेदारी निभाएं तो निजात मिल सकती है। मवेशी सडक के बीच उत्पात मचाते हैं, लेकिन परिषद की सख्त कार्रवाई न होने से समस्या जस से तस बनी हुई है। विगत दिनों मवेशियों के कारण हादसे होने पर परिषद ने मवेशियों से घर से छोड़ने वाले गौ पालकों को नोटिस जारी कर इस्तगासा भी करवाए। वह उत्पाती गौवंश को पकड कर जंगल में छुडवाये लेकिन एक दो दिन बाद फिर कार्रवाई धीमी पड गई। आवारा मवेशियों से हादसा होने पर फिर परिषद प्रशासन चेता है। एक अधिवक्ता का कहना है कि नगर परिषद का दायित्व है कि लावारिस पशु को पकडे। भारतीय दंड संहिता की धारा 289 के तहत नगर परिषद के पजेशन क्षेत्र में मवेशी नुकसान पहुंचाता है तो जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ मुकदजा दर्ज कराया जा सकता है। अदालत की भी शरण ली जा सकती है। आवारा पशु के कारण अगर किसी की जान जाने या अन्य पर नुकसान पर उसकी क्षतिपूर्ति का दावा अदालत में पेश किया जा सकता है। यदि पशु पालक अपने मवेशियों को लावारिस अवस्था में छोडता है और उसकी वजह से आम जन को नुकसान होता है तो नगर परिषद अधिनियम के तहत परिषद गौ पालक के खिलाफ जुर्माना लगा सकती है। अगर पाबंद करने के बावजूद नहीं माने तो अदालत में उसके खिलाफ इश्तगासा पेश किया जा सकता है। इसके साथ ही परिषद आवारा पशु को उनकी अभिरक्षा में लेकर सात दिवस की सूचना निकालकर पशु को नीलाम करवा सकती है। गौ पालक पर क्षतिपूर्ति का दावा किया जा सकता है। मवेशियों के कारण शहरो में होने वाली समस्या को देखते हुए हाईकोर्ट का भी सख्त निर्देश है कि नगर निगम, परिषद नगर पालिका की जिम्मेदारी है कि शहर में आवारा पशु नहीं रहें। गौशाला शहर से दूर बनाएं। मवेशी मालिक और पशु पालक अपने मवेशी को शहर से दूर बाडे या फार्म हाउस पर रखें। वहीं पर उनके खाने और पानी की व्यवस्था रखे। लेकिन हाईकोर्ट के आदेशों की भी अवहेलना की जा रही है। हाईकोर्ट के आदेशों की पालना न तो गौ पालक और न ही नगर परिषद कर रही है। -नगर परिषद में इच्छा शक्ति का अभाव है, नियत साफ हो- एक शहरवासी का कहना है कि नगर परिषद आयुक्त को चाहिए कि प्रबुद्धजनों के साथ बैठक कर शहर में आवारा पशुओं की समस्या का समाधान कर सकते हैं। उनमें इच्छाशक्ति का अभाव है। इस कारण इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा। नियत साफ चाहिए, व्यवस्था सुधर जाएगी। काइन हाउस सुव्यवस्थित बनाये पालतू पशु की पशु पालकों को पाबंद किया जाए। जुर्माना लगाया जाए। आवारा पशु को गौशाला संचालक से बातचीत कर वहां पर रखे। -पशुपालकों को सजा मिले- एक अन्य नगरवासी का कहना है कि पशु पालक दूध लेने के बाद उसे आवारा छोड देते हैँ। अगर उन जानवरों की दुर्घटना हो जाए तो गाडी वाले से भारी जुर्माना लेते हैं। किसी व्यक्ति के चोट लगने पर नुकसान की भरवाई नहीं की जाती। पशुपालकों को चाहिए कि वे गाय को मां मानते हैं तो उसे उसी तरह संभाले। पशुपालकों को पाबंद किया जाए। अगर एक बार जुर्माना लगाने से नहीं माने तो पशु पालक को सजा देने जैसा प्रावधान किया जाए। -पशुपालक पर हो सख्त कार्रवाई, पशुओं के काइन हाउस बनाये या गौशाला में भेजें- वही एक प्रबुद्ध जन का कहना है कि पशु कोई भी लावारिस नहीं होता है पशु मालिक जब तक गाय दूध देता है तब रखता है दूध देना बंद करने के बाद लावारिस छोड देता है। उन पशु मालिकों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही नगर परिषद लावारिस मवेशियों को पकड कर काइन हाउस बना उसमें बंद करना चाहिए। पशु मालिक अपना पशु लेने आए तो उससे जुर्माना वसूला जाए। काइन हाउस या गौशाला नगर के बाहर होना चाहिए। ताकि शहर गंदा ना हो। -कर्मचारी पशु क्रूरता नहीं करें- वही गौरक्षा दल ने बताया गौ वंश के साथ क्रूरता पूर्वक व्यवहार नहीं होना चाहिए। पशु काइन हाउस बना उसमें रखे या गौशाला भिजवाऐ। नगर परिषद जब भी अभियान चलाए नगर परिषद कर्मचारी बंधु आवारा गौवंश को पकडने में पशु क्रूरता नहीं करें। इसका विशेष ध्यान रखे कर्मचारियों को पाबंद किया, अब पशु पालकों के खिलाफ चालान बनेंगे। -इनका कहना- आवारा पशुओं को पकडने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। इसके लिए संबंधित कर्मचारियों को पाबंद कर दिया है। शीघ्र ही कार्ययोजना बनाकर आवारा मवेशियों को पकडा जाएगा। इसके अलावा ऐसे पशु पालकों के खिलाफ चालान बनाएं जाएंगे जो अपने मवेशियों को सडकों पर घूमने के लिए छोड देते हैं। सुरेश जैन- अध्यक्ष नगर परिषद सिंगोली